NR Narayana Murthy Success Story || कभी पत्नी से लिए थे पैसे उधार, आज खड़ी कर दी अरबों की कंपनी
इंसान अपनी मेहनत और काबिलयत के दम पर अपनी किस्मत को भी बदल कर रख देता है
NR Narayana Murthy Success Story || अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1967 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। हालांकि, उनकी एकमात्र पुस्तक ए बेटर इंडिया बाजार में उपलब्ध है।
NR Narayana Murthy Success Story || अगर इंसान सच में कुछ करना चाहे तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मेहनत (hardwork) और प्रतिभा के दम पर इंसान अपनी किस्मत बदल लेता है।इसी तरह उनकी किस्मत बदलने वाले शख्स (person) हैं एनआर नारायणमूर्ति। वह इंफोसिस टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक हैं।कभी भारतीय राजनीति (Indian politics) में आने का सपना देखने वाले NR Narayana Murthy आज दुनिया (world) के सबसे बड़े उद्यमियों में गिने जाते हैं।उन्होंने सफलता की यह कहानी काफी संघर्ष के बाद लिखी है। उनकी सहायता मैसूर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कृष्णमूर्ति ने की।
Infosys and its Founder NR Narayana Murthy Story in Hindi
1970 के दशक के अंत में, NR Narayana Murthy ने पटनी कंप्यूटर्स (पुणे) में सहायक प्रबंधक (assistant manager) के रूप में काम शुरू किया। 1981 में, नारायण ने अपनी नौकरी छोड़ दी क्योंकि वह अपना खुद का सॉफ्टवेयर व्यवसाय शुरू करना चाहते थे। उसी वर्ष, उन्होंने अपने छह दोस्तों के साथ पुणे में इंफोसिस (Infosys) की शुरुआत की।20 अगस्त 1946 को इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति का जन्म कर्नाटक के सिद्लाघट्टा में हुआ था। एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे NR Narayana Murthy अपने माता-पिता की आठ संतानों में से पांचवें थे। उन्होंने आईआईटी (iit) प्रवेश परीक्षा दी, लेकिन उनके पिता इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं करा सकते थे।बाद में उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए डॉ. कृष्णमूर्ति के नाम पर छात्रवृत्ति शुरू की।
NR Narayana Murthy Success Story ||
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1967 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (National institute of engineering) , मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। हालांकि, उनकी एकमात्र पुस्तक ए बेटर इंडिया बाजार में उपलब्ध है। उन्होंने 1969 में आईआईटी कानपुर से एमटेक की डिग्री प्राप्त की। NR Narayana Murthy को हमेशा से लिखने का शौक रहा है।इंफोसिस को 1983 में MICO बैंगलोर के रूप में अपना पहला ग्राहक (frist customer) मिला और यहीं से उनकी सफलता की कहानी शुरू हुई।इन्फोसिस की स्थापना से पहले उन्होंने 1970 के दशक में विदेश में भी काम किया था।उन्होंने कुछ वर्ष पेरिस में बिताए, जिसका उन पर गहरा प्रभाव पड़ा।1981 में NR Narayana Murthy ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की।
NR Narayana Murthy ने इंफोसिस की स्थापना ( established) के लिए अपनी पत्नी से 10000 रुपये उधार लिए थे। इस कंपनी ने सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। अपने नेतृत्व में उन्होंने कंपनी को उन चंद कंपनियों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। वह न केवल भारतीय सॉफ्टवेयर (software) उद्योग के अग्रणी बने, बल्कि भारतीय कंपनियों के लिए विदेशों में नई ऊंचाइयां हासिल करने के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। NR Narayana Murthy ने पूरी दुनिया को यह साबित कर दिया है कि अगर आपमें आत्मविश्वास (confidence) और सच्ची लगन है तो सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी।
NR Narayana Murthy ने 1981 से 2002 तक इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी ( chief executive) अधिकारी (officer) के रूप में कार्य किया।नारायणमूर्ति ने भारतीय कंपनियों में एक आत्मविश्वास पैदा किया है जिससे उनके लिए दुनिया भर के दरवाजे खुल गए हैं। फॉर्च्यून पत्रिका ने उन्हें दुनिया के 12 महानतम उद्यमियों में से एक बताया। इतना ही नहीं टाइम मैगजीन ने उन्हें भारतीय आईटी इंडस्ट्री का जनक भी कहा है. NR Narayana Murthy को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार (Indian government) ने उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है। आज, इंफोसिस एक बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है जो व्यवसाय परामर्श, सूचना प्रौद्योगिकी और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करती है।एनआर नारायणमूर्ति ने अपनी सफलता की कहानी (success story) अपनी काबिलियत और लगन के दम पर लिखी है। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है।