Chanakya Niti ll दूसरों के सामने भूलकर भी न करें अपने बेटे की तारीफ, होगा बड़ा नुकसान
अगर आप बिना सोचे समझे सभी के सामने अपने बेटे की तारीफ कर देते है तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी काम की है
अपने बेटे की सबके सामने तारीफ या प्रशंसा करते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपके बेटे में अहंकार का वास हो सकता है।कई बार इसके कारण वह अति आत्मविश्वास में आकर गलत निर्णय ले लेता है और फंस भी सकता है।ईर्ष्या की भावना जब आप बिना सोचे-समझे किसी के सामने
Chanakya Niti ll आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) ने अपनी नीतियों में कई बातों का उल्लेख किया है।कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें व्यक्ति (person ) को कभी नहीं भूलना चाहिए।आज का यह लेख उन लोगों के लिए उपयोगी होने वाला है जो बिना सोचे-समझे किसी के सामने अपने बेटे की तारीफ (Praise) कर देते हैं।यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है।आज हम आपको इससे होने वाले नुकसानों (losses ) के बारे में बताने जा रहे हैं।
तो आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।चाणक्य नीति के अनुसार, यदि माता-पिता बिना सोचे-समझे अपने बेटे की सबके सामने तारीफ या प्रशंसा (Praise ) करते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपके बेटे में अहंकार का वास हो सकता है।कई बार इसके कारण वह अति आत्मविश्वास (self-confidence ) में आकर गलत निर्णय ले लेता है और फंस भी सकता है।ईर्ष्या की भावना जब आप बिना सोचे-समझे किसी के सामने अपने बच्चे की तारीफ करते हैं तो ऐसी स्थिति में उसके दोस्तों और सहकर्मियों में ईर्ष्या (jealous) की भावना पैदा हो सकती है।
कई बार आपके बेटे के दोस्त उससे नाराज हो सकते हैं और इसका उनकी दोस्ती पर बुरा असर पड़ सकता है।चाणक्य नीति (chanakya niti) की मानें तो जब आप समाज के सामने अपने बच्चे की तारीफ करने लगते हैं तो ऐसे में उसे यह एहसास होने लगता है कि वह परफेक्ट है।ऐसी स्थिति में वह अपने जीवन में आगे बढ़ना बंद कर देता है और खुद को बेहतर बनाना भी बंद कर देता है।आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) के अनुसार, जब आप लोगों के सामने अपने बच्चे की तारीफ करने लगते हैं तो उसे लगने लगता है कि आप उससे बहुत ज्यादा उम्मीदें रख रहे हैं।इससे उन पर काफी दबाव पड़ सकता है।