Kaliyug Kab Khatam Hoga? विष्णु पुराण में की गईं ये 5 भविष्यवाणियां, मिलेगा हर सवाल का जवाब

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सारांश:

Kaliyug Kab Khatam Hoga :  कलियुग कब और कैसे ख़त्म होगा?कभी न कभी आपके मन में ये सवाल (question) आता होगा कि अगर दुनिया में सारे दुख,दर्द और कलेश कलियुग के कारण हैं तो इसका का अंत कब होगा? हमारे चारों तरफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन हमारे सामने ऐसी घटनाएं आती रहती हैं जो मानवता (humanity) को शर्मसार कर देती हैं,और लंबे समय (time) तक इसका असर रह जाता है। कलियुग में कुछ लोग दुख के सागर में डूब चुके हैं जो शायद ही कभी इससे बाहर आ पाएंगे।

ऐसे दुःखी लोग हर पल इस इंतजार में रहते हैं कि कब उनके दुख दूर करने के लिए भगवान दोबारा (again) धरती पर अवतार लेंगे या फिर कोई चमत्कार होगा, जिससे उनके दुःखो का अंत हो जाएगा। कलियुग के अंत की बात करें तो विष्णु पुराण में इसके अंत से जुड़े रहस्यों (secrets) के बारे में बताया गया है। 

आइए जानते हैं कलियुग का अंत कब होगा, इससे जुड़ी विष्णु पुराण की भविष्यवाणियां

पुराणों के अनुसार द्वापर युग के बाद कलियुग आ गया है। हम आए दिन सुनते हैं कि कलियुग के आगमन के बाद से धरती ( earth) पर पाप एकदम बढ़ गए हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि आखिर कलियुग क्या है? कलियुग का वर्णन विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, भविष्य पुराण आदि में मिलता है। अगर कलियुग का अर्थ (meaning) समझें तो कलियुग का अर्थ है काला युग यानी छाया युग या आभासी युग।  इसकी कालिमा में सारे रंग कहीं खो जाते हैं और सच भी झूठ जैसा लगने लगता है। इसका दूसरा अर्थ है कलह का युग, जहां हर प्राणी का मन असंतोष की भावना से भर जाता है। हर कोई बिना किसी कारण के एक दूसरे से नफरत करेगा। महाभारत के बाद कई ऐसी अप्रिय घटनाएं (unwanted tregedy) घटीं, जिसके बाद कलियुग के आगमन की गति तेज हो गई। इतिहास के अनुसार कलियुग की शुरुआत 3102 ईसा पूर्व में हुई थी। श्रीमद्भागवत पुराण, विष्णु पुराण और भविष्य पुराण में कलियुग के अंत का वर्णन किया गया है।

अभी कलियुग के 426882 वर्ष बाकी हैं। जब कोई व्यक्ति धरती पर 30 वर्ष पूरे करता है, तो स्वर्ग में देवताओं के लिए 30 वर्ष एक महीने के समय के बराबर होते हैं।उदाहरण (example) के लिए, कृष्ण का मानव शरीर से वैकुंठ जाना, पांडवों का स्वर्ग जाना, यदुवंशी कुल का विनाश आदि ऐसी घटनाएँ थीं जो कलियुग के आगमन का संकेत देती थीं। इसका मतलब है कि कलियुग के अभी सिर्फ 5,000 साल ही बीते हैं।अगर हम पुराणों के आधार (based ) पर कलियुग के अंत की बात करें तो कलियुग 4,32,000 वर्षों तक चलेगा।वर्तमान में इस युग का प्रथम चरण चल रहा है। वर्तमान (present) में कलियुग के 3102+2024 = 5126 वर्ष बीत चुके हैं।

उदाहरण के लिए, मनुष्य का महीना उसके पिता के लोक में एक दिन के समान है।फिलहाल कलियुग के खत्म होने में कई हजार साल बाकी हैं। पुराणों के आधार पर कलयुग के खत्म होने में इससे भी ज्यादा समय लग सकता है क्योंकि भूलोक यानी धरती (earth ) जहां मनुष्य रहते हैं और स्वर्गलोक जहां देवता रहते हैं, वहां समय अलग-अलग गति से चलता है। वहीं मनुष्य का एक साल देवताओं के एक दिन के बराबर होता है। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक दुनिया (world) में समय अलग-अलग चलता है।यह कलियुग का प्रथम चरण है। विष्णु पुराण के अलावा ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी कलियुग के चरम का उल्लेख है।

इसके अनुसार जब कलियुग अपने चरम पर होगा तो मनुष्य की आयु मात्र 20 वर्ष रह जाएगी।लोग बूढ़े होने से पहले ही बूढ़े होने लगेंगे। पांच साल की महिलाएं गर्भवती हो जाएंगी। लोग छोटी-छोटी बीमारियों से भी नहीं लड़ पाएंगे और मौत (death ) को गले लगाने लगेंगे। विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के अनुसार, धरती पर चारों तरफ सूखा पड़ेगा, कहीं भी अन्न नहीं उगेगा और भीषण गर्मी बढ़ेगी। साथ ही हर मौसम का असर भी भयंकर होगा जिसको सहन करना इंसानों के लिए मुश्किल हो जाएगा। उदाहरण (example ) के लिए, बहुत अधिक वर्षा होगी, बहुत अधिक गर्मी होगी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी होगी। जब इस तरह होने लगेगा तो सभी संकेत कलियुग की चरम सीमा के होंगे।

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