Indian Currency History: क्या आप जानते हैं? गांधी जी से पहले किसकी तस्वीर होती थी भारतीय नोटों पर


Indian Currency History: जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, तब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना नहीं हुई थी। चलिए जानते हैं, उस ऐतिहासिक सफर के बारे में, जो गांधी जी की तस्वीर तक पहुंचा। बहुत कम लोगों को इस बारे में जानकारी होती है, लेकिन भारत की करंसी का इतिहास काफी पुराना और रोचक रहा है। साल 1996 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'महात्मा गांधी सीरीज़' की शुरुआत की। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आज़ादी से पहले या गांधी जी से पहले जब भारत ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था, तब नोटों पर किसकी तस्वीर छपती थी? इसके बाद सरकार ने भारतीय संस्कृति और स्वाभिमान को दर्शाने के लिए नोटों पर देश के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ की तस्वीर छापनी शुरू की।
ब्रिटिश हुकूमत अपने शाही प्रतीकों और राजशाही ताकत को दर्शाने के लिए राजा की तस्वीर का प्रयोग करती थी। ₹1 से लेकर ₹10,000 तक के नोटों पर जॉर्ज VI की तस्वीर छपती थी। महात्मा गांधी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि भारत की आत्मा हैं। ₹10 से लेकर ₹2000 तक के नोट पर गांधी जी की वही मुस्कुराती हुई तस्वीर नजर आती है। ऐसे में भारतीय नोट भी इसका हिस्सा बन गए थे। आज हम भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को देखकर अभ्यस्त हो चुके हैं। इसलिए भारतीय नोटों पर उनकी तस्वीर को जगह देना सरकार और RBI दोनों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला था।
उस वक्त नोटों की छपाई की जिम्मेदारी ब्रिटिश सरकार की हुआ करती थी। यह परिवर्तन साल 1950 में हुआ। गांधी जी की सादगी, सोच और विचारधारा आज भी भारत की पहचान हैं। तब भारतीय सरकार ने पहली बार नोटों पर अशोक स्तंभ की छपाई शुरू की। यह वही जॉर्ज VI थे जो क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के पिता थे। 1947 में जब भारत आज़ाद हुआ, तब नोटों पर छपी जॉर्ज VI की तस्वीर को हटाने का निर्णय लिया गया। यह स्तंभ सारनाथ स्थित मौर्यकालीन स्मारक से लिया गया है, जो भारत की ऐतिहासिक विरासत का अहम प्रतीक है। उस दौर में भारतीय नोटों पर ग्रेट ब्रिटेन के राजा जॉर्ज VI (George VI) की तस्वीर छपा करती थी।
वर्तमान में जारी सभी नोटों में गांधी जी का चित्र एक आम पहचान बन चुका है। इसमें ₹5, ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹500 और ₹1000 के नोटों पर गांधी जी की तस्वीर को स्थायी रूप से छापा जाने लगा। उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में सत्य, अहिंसा और जनसंपर्क के बल पर देश को आज़ाद कराया। इसके बाद से आज तक भारत में जितने भी नए नोट छपे हैं, उनमें महात्मा गांधी की तस्वीर को प्रमुखता दी गई है।