Saving Account में इतने रुपये से ज्यादा का लेनदेन करने पर आप नजर रखेगा आयकर विभाग
न्यूज हाइलाइट्स
savings account: हम सभी अपनी जमा-पूंजी (savings) को सुरक्षित रखने के लिए सेविंग अकाउंट (savings account) का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें भी एक सीमा (limit) होती है? अगर हमारे अकाउंट में जमा राशि इस सीमा से अधिक होती है, तो हमें आयकर विभाग (Income Tax Department) के ध्यान में आ सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सेविंग अकाउंट (savings account) के संबंध में आयकर विभाग (Income Tax) के क्या नियम हैं, और किस स्थिति में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
ज्यादा लेनदेन पर आपको देनी होगी जानकारी
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ (financial experts) के अनुसार, एक फाइनेंशियल ईयर (financial year) में आपके सेविंग अकाउंट (savings account) में कुल जमा राशि 10 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर आपका बैलेंस इस सीमा से अधिक हो जाता है, तो आपको इसकी जानकारी आयकर विभाग (Income Tax Department) को देनी होगी। इसके अलावा, आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 269एसटी (Section 269ST) के मुताबिक, कोई भी खाताधारक एक दिन में 2 लाख रुपये तक का लेनदेन (transaction) कर सकता है। अगर यह राशि अधिक हो जाती है, तो आपको बैंक (Bank) को इसका कारण बताना होगा।
बैंक की जिम्मेदारी भी है
इस नियम के तहत, अगर कोई व्यक्ति एक दिन में 50,000 रुपये या उससे अधिक जमा करता है, तो बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग (Income Tax Department) को देना पड़ता है। इसके साथ ही, खाताधारक को अपना पैन (PAN) नंबर भी प्रदान करना होता है। अगर किसी के पास पैन (PAN) नहीं है, तो उसे फॉर्म 60 (Form 60) या फॉर्म 61 (Form 61) भरना होता है। अगर 10 लाख रुपये (10 Lakh Rupees) से ज्यादा का ट्रांजैक्शन होता है, तो इसे उच्च-मूल्य वाला लेनदेन (high-value transaction) माना जाता है और इसकी जानकारी बैंक आयकर विभाग (Income Tax Department) को दे देता है।
नोटिस आने पर क्या करें?
हमारी जिंदगी में कभी-कभी ऐसे हालात आ जाते हैं जब हम जानबूझकर या अनजाने में इतनी बड़ी लेनदेन (transactions) कर बैठते हैं और आयकर विभाग (Income Tax Department) को इसकी जानकारी नहीं देते। ऐसे में, हमें अक्सर विभाग से नोटिस (notice) प्राप्त होता है। अब सवाल यह है कि ऐसे में हमें क्या करना चाहिए? अगर आपको ऐसा कोई नोटिस प्राप्त होता है, तो आपको उसका सही तरीके से जवाब देना चाहिए और उससे जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स (documents) को पेश करना चाहिए। इन दस्तावेजों में आपके बैंक स्टेटमेंट (bank statement), निवेश रिकॉर्ड (investment records) या एसेट (assets) की जानकारी शामिल हो सकती है। अगर आपको नोटिस का जवाब देने या डॉक्यूमेंट्स (documents) में कोई समस्या होती है, तो आप एक वित्तीय सलाहकार (financial advisor) से परामर्श कर सकते हैं।
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