IAS Success Story: 5 बार फेल, प्रीलिम्स भी नहीं हुआ पास, फिर ऐसे बनीं IAS, जानें प्रियंका गोयल की कहानी

IAS Priyanka Goel Success Story: यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। दिल्ली की प्रियंका गोयल की कहानी इसी का एक जीता-जागता उदाहरण है। 5 बार लगातार असफलता का सामना करने, प्रीलिम्स में बार-बार फेल होने और एक बार तो सिर्फ 0.7 नंबर से चूकने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
 
IAS Priyanka Goel Success Story

Image caption: IAS Priyanka Goel Success Story

IAS Priyanka Goel Success Story: नई दिल्ली: कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती"  यह पंक्तियां दिल्ली की रहने वाली आईएएस प्रियंका गोयल (IAS Priyanka Goel) की कहानी पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) को पास करने का उनका सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। यह कहानी है बार-बार गिरने, खुद को संभालने और फिर दोगुनी ताकत से उठकर अपनी मंजिल को पाने की।

बचपन से थीं होशियार, पर UPSC की राह नहीं थी आसान
प्रियंका गोयल हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रही हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के केशव महाविद्यालय से बी.कॉम की डिग्री हासिल की और ग्रेजुएशन के तुरंत बाद अपने IAS बनने के सपने को पूरा करने में जुट गईं। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह सफर कांटों भरा होने वाला है।

एक के बाद एक, 5 असफलताओं का दौर
प्रियंका के लिए यूपीएससी की राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी। उन्हें अपने शुरुआती चार प्रयासों में प्रीलिम्स परीक्षा पास करने में भी सफलता नहीं मिली। यह किसी भी उम्मीदवार का मनोबल तोड़ने के लिए काफी होता है। अपने दूसरे प्रयास में तो वह कट-ऑफ से मात्र 0.7 अंकों से चूक गईं। यह उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका था।लगातार असफलताओं से सीखते हुए, उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और अपने पांचवें प्रयास में प्रीलिम्स और मेन्स, दोनों परीक्षाएं पास कर लीं। वह इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन फाइनल मेरिट लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। मंजिल के इतने करीब आकर चूक जाना बेहद दर्दनाक था।

हार नहीं मानी, और छठे प्रयास में रचा इतिहास
पांच बार असफल होने के बाद ज्यादातर लोग शायद हार मान लेते, लेकिन प्रियंका ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपनी असफलताओं को अपनी ताकत बनाया। उन्होंने समझा कि वह कहां गलती कर रही हैं और अपनी तैयारी को और भी धार दी। उन्होंने स्मार्ट स्टडी पर फोकस किया, अनगिनत टेस्ट सीरीज दीं और सबसे जरूरी, अपना आत्मविश्वास कभी कम नहीं होने दिया। आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई। अपने छठे और आखिरी प्रयास में, प्रियंका ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 369वीं रैंक के साथ सफलता का परचम लहराया और IAS Officer बनने का अपना सपना पूरा किया।

क्या थी प्रियंका की सफलता की रणनीति?
प्रियंका की सफलता का राज उनकी बदली हुई रणनीति में छिपा था:

  1. गलतियों का विश्लेषण: उन्होंने हर असफलता के बाद अपनी गलतियों का गहराई से विश्लेषण किया।
  2. स्मार्ट स्टडी: पूरी किताब रटने की बजाय उन्होंने महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर फोकस किया और क्वालिटी स्टडी पर जोर दिया।
  3. टेस्ट सीरीज का महत्व: उन्होंने नियमित रूप से मॉक टेस्ट दिए, जिससे उन्हें अपनी कमियों को पहचानने और समय प्रबंधन में मदद मिली।
  4. सकारात्मक सोच: उन्होंने असफलताओं को खुद पर हावी नहीं होने दिया और हमेशा सकारात्मक बनी रहीं।

IAS प्रियंका गोयल की कहानी आज उन लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह हमें सिखाती है कि असफलताएं जीवन का अंत नहीं, बल्कि सफलता की सीढ़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

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