Actor Arvind Swami || फिल्मों से ब्रेक लेकर एक्टर ने खड़ी कर दी 33 सौ करोड़ की कंपनी। जानिये अभिनेता से एंटरप्रेन्योर बनने की कहानी

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Actor Arvind Swami  || दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता अरविन्द स्वामी (Arvind Swami) ने हिंदी फिल्म रोजा में अपने करियर से लोगों पर अपनी छाप छोड़ने का सपना कभी नहीं देखा था। लेकिन उनका भाग्य उन्हें फिल्मों में ले गया, जहां उन्होंने अपने अभिनय से धूम मचाई। उन्होंने एक दशक तक फिल्मों में सफलतापूर्वक काम करने के बाद चकाचौंध की जिंदगी को अलविदा कह दिया और फिर अपनी एंटरप्रेन्योरियल जर्नी (Entrepreneurial Journey) शुरू की। व्यवसाय के बारे में जीरो से शुरू करके, उन्होंने 33 सौ करोड़ रुपये की अपनी कंपनी बनाई।

आईए जानते हैं Actor Arvind Swami के अभिनेता से एंटरप्रेन्योर बनने वाले इस सफर की पूरी कहानी

नाम: अरविन्द स्वामी
जन्म: 18 जून 1970, चेन्नई
पिता: वी डी स्वामी, उद्योगपति
माता: वसंथा, भरतनाट्यम कलाकार
कंपनी: टैलेंट मैक्सिमस के सीईओ और एमडी

Actor Arvind Swami ने डॉक्टर बनना चाहा

अरविन्द 18 जून, 1970 को चेन्नई में पैदा हुआ था। उनके पिता वीडी स्वामी एक उद्योगपति थे, और उनकी माता वसंथा एक भरतनाट्यम डांसर थी। अरविन्द के पिता वीडी स्वामी एंड कंपनी, जो स्टील एक्सपोर्ट करती थी, के संस्थापक थे। अरविन्द ने सिर्फ चेन्नई में पढ़ाई की थी। बाद में उन्होंने अमेरिका में इंटरनेशनल मार्केटिंग का डिप्लोमा लिया। वैसे, अरविन्द ने कभी अभिनेता नहीं बनना चाहा। दसवीं के बाद उनका सपना था कि वे डॉक्टर बन जाएँगे। लेकिन भाग्य उन्हें फिल्मों में ले गया।

फिल्मी दुनिया में

अरविन्द ने अपनी पॉकेट मनी के लिए मॉडलिंग करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें कुछ विज्ञापनों में भी काम मिलने लगा। अरविन्द को एक विज्ञापन में प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मणिरत्नम ने देखा। उस विज्ञापन में अरविन्द की प्रतिक्रिया इतनी प्रभावी थी कि उन्होंने उसे पहला ब्रेक दिया। 1991 में उन्होंने थालापथी नामक अपनी पहली फिल्म बनाई। इस फिल्म को लोगों ने बहुत पसंद किया और कमर्शियल रूप से सफल रही। अरविन्द ने 1992 में रिलीज़ की गई रोजा और 1995 में रिलीज़ की गई बॉम्बे ने उन्हें पूरे भारत में फेमस कर दिया। किस्मत ने उन्हें फिर से अपना रास्ता बदलने का संकेत दिया और फिल्मों से अलग हो गए।

अपनी खुद की कंपनी शुरू की

90 के दशक के अंत में अरविन्द की फिल्में अचानक विफल होने लगी। इसके बाद अरविन्द ने क्रोध में फिल्मी क्षेत्र छोड़ दिया। लेकिन यह निर्णय उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गया। अरविन्द ने बिजनेस के बारे में कुछ सीखा। साथ ही अपने पिता की कंपनी में वीडी स्वामी और प्रबंधन में सक्रिय भाग लेने लगे। 2005 में, अरविन्द ने टैलेंट मैक्सिमस (पेरोल प्रोसेसिंग और टेम्पररी स्टाफिंग) की स्थापना की। यह कंपनी जल्द ही दिन-प्रतिदिन चौगुनी तरक्की करने लगी, जिसमें अरविन्द सीईओ और एमडी हैं। 2013 में, अरविन्द ने अपनी कंपनी को सही ढंग से स्थापित करके फिल्मों में फिर से वापसी की, और वे अब भी फिल्मों में काम कर रहे हैं। उनका नाम जयललिता के जीवन पर आधारित थलाइवी में एमजी रामचंद्रन था। वहीं, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अरविन्द की कंपनी 2022 में 33 सौ करोड़ रुपये की हो जाएगी। अपने जीवन के एक मोड़ के बाद, अरविन्द ने बिजनेस की बुनियादी बातें सीखकर जीरो से शुरू करके 33 सौ करोड़ की कंपनी खड़ी की है।

 

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