HP Assembly byelection Result || हिमाचल में मजबूत हुई कांग्रेस की सुक्खू सरकार, बहुमत से पांच विधायक ज्यादा
HP Assembly byelection Result || विधानसभा उपचुनाव ( assembly by-election)में चार सीटें जीतने से सुक्खू सरकार (sukhu government)अधिक सुरक्षित हो गई है। भाजपा (BJP)का लक्ष्य, जिसे कांग्रेस अक्सर "आपरेशन लोटस" कहती है, चुनावों में असफल रहा है। क्योंकि भाजपा (BJP)ने छह में से सिर्फ दो सीटें जीती हैं कांग्रेस(Congress) का विधानसभा बल अब 38 है। वहीं बीजेपी (BJP)के 25 से 27 विधायक बढ़ गए हैं। नतीजों से पहले, तीन निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे अब 68 के बजाय 65 सदस्य विधानसभा में हैं। यानी कांग्रेस(Congress) के वर्तमान बहुमत से पांच विधायक अधिक होंगे।
वर्तमान में बहुमत के लिए सिर्फ 33 विधायक चाहिए। सुक्खू सरकार (sukhu government)को अगले तीन विधानसभा उपचुनावों में भाजपा के टिकट पर तीन निर्दलीय विधायकों की जीत मिल भी जाए तो भी सुरक्षित माना जाता है। कांग्रेस (Congress)के छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग (cross voting)से राज्यसभा सदस्य के चुनाव में पैदा हुआ राजनीतिक संकट चुनावों से दूर हो गया है।चौदहवीं विधानसभा में 40 कांग्रेसी(Congress), 25भाजपा और 3निर्दलीय विधायक शामिल थे। क्रॉस वोटिंग के बाद छह विधायक वित्त विधेयक पारित करते वक्त गैरहाजिर रहकर भाजपा को सरकार गिराने में मदद कर रहे थे, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को बचाया।
सदन से 15 विधायकों, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Leader of Opposition Jairam Thakur)सहित, स्पीकर कुलदीप पठानिया (Kuldeep Pathania)ने निलंबित कर दिया। एक दिन पहले उनके मार्शल से उनकी बहस हुई, जो आधार बन गया। सदन में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस(Congress) के छह विधायक भी व्हिप जारी करने के बावजूद नहीं आए। सरकार इस बीच गिरने से बच गई क्योंकि वित्त विधेयक पारित हो गया था। छह कांग्रेस (Congress)विधायकों को व्हिप जारी होने के बावजूद सदन में उपस्थित नहीं होने पर निलंबित कर दिया गया, जिससे उनकी सीटों पर भी लोकसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव हुए। कांग्रेस (Congress)को उपचुनाव में छह में से दो सीटें खोने से कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है।
धनबल बनाम जनबल के मुद्दे को भुनाने में कामयाब हुए सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu)ने कांग्रेस से भाजपा में आने वाले छह विधायकों को घेरने के लिए कठोर योजना बनाई। उन्हें उपचुनाव में धनबल के मुकाबले जनबल का मुद्दा महत्वपूर्ण था। सरकार के अस्तित्व को बचाने पर अधिक ध्यान दिया गया। छह सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान, सुक्खू दल-बदलने वाले छह पूर्व विधायकों पर बिक जाने और ईमान बेचने के आरोप लगाए जाते रहे। इससे पूरा प्रचार इसी एक मुद्दे पर अधिक ध्यान दिया गया। सुक्खू लगातार आरोप लगाते रहे और भाजपा प्रत्याशी को बचाते रहे।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी मुख्यमंत्री सुक्खू का सरकार बचाने में पूरा साथ दिया।
जब सुक्खू ने कांग्रेस (Congress)से भाजपा में गए अपने पूर्व विधायकों को धनबल, प्रलोभन और जनादेश का अपमान करने का मुद्दा उठाया, तो उपमुख्यमंत्री भी बार-बार कहते रहे कि इस सरकार पर कोई भी परिंदा नहीं मार सकता। मुकेश जिले में कांग्रेस (Congress)ने दोनों विधानसभा सीटें बहुत बड़े अंतर से जीती हैं
सुजानपुर में अनुराग ठाकुर की जीत और राणा की हार ने सबको चौंका दिया।
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur)23,853 मतों से पहले है, जबकि राजेंद्र राणा(Rajendra Rana) 2440 मतों से हार गए हैं। धूमल के समर्थकों ने सुजानपुर में राजेंद्र राणा (Rajendra Rana)की भाजपा में शामिल होने से असंतोष व्यक्त किया है, जैसा कि इस राजनीतिक घटना ने दिखाया है। यह चर्चा है कि भाजपा के एक समूह ने अंतिम हिसाब चुकता कर दिया है। 2017 के विधानसभा चुनाव ( assembly by-election)में कांग्रेस (Congress)के उम्मीदवार राजेंद्र राणा (Rajendra Rana)ने भाजपा के निर्वाचित मुख्यमंत्री धूमल को हराया।