Shimla School Holiday Fake Notification: शिमला: हिमाचल प्रदेश में जहां एक ओर कुदरत का कहर जारी है, वहीं दूसरी ओर कुछ शरारती तत्व सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाकर लोगों की परेशानियां और बढ़ा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजधानी शिमला में देखने को मिला, जहां बुधवार को स्कूलों की छुट्टी को लेकर एक फर्जी अधिसूचना वायरल हो गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिमला जिले में खराब मौसम और भारी बारिश के अलर्ट के कारण सोमवार से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं। मंगलवार शाम को अचानक व्हाट्सएप ग्रुप्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शिमला डीसी के नाम से एक आदेश की चिट्ठी तेजी से वायरल होने लगी। इस चिट्ठी में लिखा था कि भारी बारिश, भूस्खलन और सड़कों के बंद होने के खतरे को देखते हुए बुधवार को भी जिले के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। यह चिट्ठी इतनी सफाई से बनाई गई थी कि पहली नजर में कोई भी इसे असली समझ लेता। इसमें प्रशासन द्वारा पहले जारी की गई एक पुरानी अधिसूचना की भाषा का ही इस्तेमाल किया गया था।
यह फर्जी चिट्ठी उस समय वायरल हुई जब विभिन्न स्कूलों में परीक्षाएं चल रही थीं। इसे देखते ही अभिभावकों और छात्रों के बीच हड़कंप मच गया। लोग एक-दूसरे को फोन करके और स्कूलों में संपर्क करके इसकी सच्चाई जानने की कोशिश करने लगे। कुछ ही देर में प्रशासन की ओर से एक और संदेश प्रसारित हुआ जिसमें इस चिट्ठी को फर्जी बताया गया। जिससे भ्रम और भी ज्यादा बढ़ गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए और अफवाह फैलाने वालों पर नकेल कसने के लिए शिमला के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और इस फर्जी अधिसूचना को बनाने और फैलाने वालों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करने की मांग की। इस पूरे ड्रामे और भ्रम के बाद, आखिरकार शिमला के डीसी अनुपम कश्यप ने एक नया और आधिकारिक आदेश जारी किया, जिसमें जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों और नर्सिंग संस्थानों को बुधवार के लिए बंद करने का ऐलान किया गया। इस असली आदेश के आने के बाद ही सभी अटकलों पर विराम लगा। हालांकि, अब प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आपदा की स्थिति को देखते हुए पूरे हिमाचल प्रदेश में 7 सितंबर तक के लिए सभी स्कूल बंद कर दिए हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आपदा के इस समय में सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।