Himachal News: शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में नगर निगम शिमला के मेयर के कार्यकाल को 5 साल करने के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई अब 30 दिसंबर को होगी। मामले में सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि मेयर का कार्यकाल बढ़ाने से संबंधित अध्यादेश को विधानसभा में पेश किया गया था, जिसे सदन से पारित भी कर दिया गया है। सरकार ने तर्क दिया कि ऐसे में मौजूदा रिट याचिका प्रभावी नहीं रह गई है। इस पर याचिकाकर्ता अंजलि सोनी वर्मा ने अदालत को बताया कि विधानसभा से पारित संशोधन को अभी तक राज्यपाल की स्वीकृति नहीं मिली है, इसीलिए स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इसके बाद प्रतिवादियों ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है, जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 30 दिसंबर को तय की है। याचिकाकर्ता ने अध्यादेश को एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाया गया बताते हुए इसे महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है और इसे रद्द करने की मांग भी की है। इस जनहित याचिका में कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह अध्यादेश किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के मकसद से लाया गया था। इसके अलावा, इसे महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी बताया गया है और अदालत से इस फैसले को रद्द करने की मांग की गई है। अब देखना होगा कि 30 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में Shimla MC politics क्या नया मोड़ लेती है।

