Pangi Jukaro festival 2024 || पांगी में जुकारू उत्सव के तीसरे दिन धरती माता की पूजा-अर्चना, पुनेही से शुरू हुआ घुरेई नृत्य
पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में 12 दिवसीय जुकारू उत्सव के तीसरे दिन पंगवाल समूदाय पुनेही उत्स्व मनाया गया। इसी क्रम में 12 दिनों तक अलग-अलग त्यौहार मनाये जाते है। पांगी घाटी के लोगों ने प्राचीन परंपराएं जिंदा रखी हुई है। पर्व में परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। मान्यता के अनुसार लोगों ने आटे के बकरे बनाकर सुबह खेत में चिन्हित स्थान पर एकजुट होते है। जहां पर धरती माता की पूजा की जाती है। वहीं पूजा के दौरान हल भी चलाई जाती है। इससे पूर्व खेतों में पत्थर की शिला की विधिविधान से पूजा-अर्चना कर गेहूं की बिजाई की। मान्यता है कि 20 दिन के बाद अंकुरित होने वाले गेहूं के आधार पर ही पता चलेगा कि यह वर्ष फसल के लहजे से धन्य-धान्य रहेगा या सूखे की स्थिति उत्पन्न होगी।
धुरेई नृत्य के दौरान गांव वासी एकजुट होकर घर की छत पर घुरेई नृत्य करते है। मिंधल माता के ठाठड़ी करतार सिंह ने बताया कि इस बार पांगी वासियों पर बालिराज की काफी मेहरबान है। उन्होंने बताया कि कभी पांगी का जुकारू बिना बर्फ का नहीं हुआ था। लेकिन इस बार बर्फ न होने के कारण क्षेत्र के लोगों में काफी मायूसी छाई हुई थी। लेकिन जैसे ही बलि राजा का त्यौहार नजदीक आया तो बर्फबारी हुृई है। और जमकर बर्फबारी होने से पांगी वासी खुश है।इसे राजा बलि का वरदान मना है।