हिमाचल: छोटे से गांव की बेटी ने नर्सिंग में हासिल की PHD की डिग्री, ये है लक्ष्य ।। Himachal Kullu News

क़ुल्लू। Himachal Kullu News” हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियां भी आज हर क्षेत्र में बड़े बड़े मुकाम हासिल कर रही हैं। ऐसी ही एक बेटी जनजातीय जिला की रहने वाली है, इस बेटी ने नर्सिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। यह बेटी नेहा ठाकुर हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर […]

हिमाचल: छोटे से गांव की बेटी ने नर्सिंग में हासिल की PHD की डिग्री, ये है लक्ष्य ।। Himachal Kullu News

क़ुल्लू। Himachal Kullu News” हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियां भी आज हर क्षेत्र में बड़े बड़े मुकाम हासिल कर रही हैं। ऐसी ही एक बेटी जनजातीय जिला की रहने वाली है, इस बेटी ने नर्सिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। यह बेटी नेहा ठाकुर हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर तहसील के तिंदी के छोटे से गांव बरोर की रहने वाली है। नेहा ठाकुर की इस उपलब्धि से उसके परिवार में खुशी का माहौल है।  जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर तहसील के तिंदी के बरोर गांव की रहने वाली नेहा ठाकुर ने नर्सिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। नेहा ठाकुर इन दिनों जिला कुल्लू के शमशी में रह रही है और उन्होंने अपने शोध पत्र में महिलाओं को विशेष स्तनपान के बारे में जागरूक किया है ताकि महिलाएं अपने नवजात शिशु को सही तरीके से स्तनपान करवा सके। नेहा ठाकुर ने यह डिग्री जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से स्त्री रोग विभाग से हासिल की है।

कुल्लू जिला के शमशी में रह रही है नेहा ठाकुर

इस समय कुल्लू जिला के शमशी में रहने वाली नेहा ठाकुर ने अपने शोध पत्र में महिलाओं को विशेष स्तनपान के बारे में जागरूक किया है, ताकि महिलाएं अपने नवजात बच्चे को सही तरीके से सही समय तक स्तनपान करवा सकें। नेहा ठाकुर ने यह डिग्री जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से स्त्री रोग विभाग से हासिल की है। नेहा ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपने शोध में कुल्लू जिला के ग्रामीण क्षेत्रों को चुना है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में अपने नवजात बच्चे को स्तनपान करवाने को लेकर कई प्रकार की भ्रामक जानकारी होती है। नेहा ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपने शोध में ऐसी ही महिलाओं पर शोध किया और उसमें पता चला कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्तनपान करवाने को लेकर कोई सही जानकारी नहीं है।

प्रसव से पहले करना चाहिए जागरूक

नेहा ठाकुर का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्तनपान की जानकारी प्रसव से पहले दी जानी चाहिए। ताकि उस जानकारी को वह प्रसव के बाद उनकी जीवन शैली में उतार सकें। इसके लिए नेहा ठाकुर ने गांव गांव में जाकर महिलाओं को जागरूक भी किया और उन्हें स्तनपान के बारे में बताया। नेहा ठाकुर ने महिलाओं को कितने समय तक स्तनपान करवाना चाहिए और इसके क्या लाभ हैं के बारे में जागरूक किया। डॉ नेहा ठाकुर ने बताया कि जब वह गांवों का दौरा कर रही थी तो महिलाओं ने उससे कई सवाल भी किए। जिसका उत्तर देकर उन्होंने उनकी शंकाओं को दूर किया। डॉ नेहा ठाकुर ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने  पिता को दिया है। नेहा ठाकुर ने बताया कि उनके पिता जय चंद ठाकुर का हमेशा उनका हर फैसले में सहयोग दिया। वहीं उसने अपने शिक्षकों का भी धन्यवाद किया।

जिला लाहौल स्पीति के उदयपुर तहसील के तिंदी के बरोर गांव की रहने वाली नेहा ठाकुर ने नर्सिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। नेहा ठाकुर इन दिनों जिला कुल्लू के शमशी में रह रही है और उन्होंने अपने शोध पत्र में महिलाओं को विशेष स्तनपान के बारे में जागरूक किया है ताकि महिलाएं अपने नवजात शिशु को सही तरीके से स्तनपान करवा सके। नेहा ठाकुर ने यह डिग्री जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी से स्त्री रोग विभाग से हासिल की है।
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