Himachal News: हिमाचल में 7 सरकारी स्कूलों पर लटकेंगे ताले! इस जिले में इन स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी

 
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कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और संसाधनों का सही इस्तेमाल करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। जिन सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या शून्य या न के बराबर है, उन्हें अब बंद किया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें हिमाचल प्रदेश में जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई हुई है। प्रदेश सरकार की ओर से उन स्कलों को बंद किया जा रहा है। इससे पहले प्रदेश सरकार की आरे से कई जिलों में स्कूल बंद किये जा चुके है। वहीं अब प्रदेश सरकार की ओर से जिला कुल्लू के विभिन्न ​शिक्षां खंड़ों के सात स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हुए है। शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।

इस मामले पर जानकारी देते हुए प्रारंभिक एवं गुणवत्ता शिक्षा उपनिदेशक, डॉ. सुनील दत्त ने बताया कि शिक्षा विभाग ने कम संख्या और शून्य विद्यार्थियों वाले विद्यालयों को बंद करने और समायोजित (मर्ज) करने की अधिसूचना जारी की है। उन्होंने बताया कि कुल्लू जिले से विभाग ने ऐसे 47 स्कूलों की एक सूची शिक्षा निदेशालय को भेजी थी, जहां छात्रों की संख्या बेहद कम थी। विभाग ने जिले की भौगोलिक परिस्थितियों और अन्य पहलुओं पर विचार करने के बाद, इनमें से 39 स्कूलों को यथावत रखने का निर्णय लिया है, जो स्थानीय छात्रों और अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। हालांकि, 7 स्कूलों को बंद करने और एक को मर्ज करने की मंजूरी दे दी गई है।

इन सरकारी स्कूलों पर लगेगा ताला
शिक्षा निदेशालय से जारी अधिसूचना के अनुसार, बंद होने वाले स्कूलों में सबसे अधिक चार विद्यालय शिक्षा खंड आनी में हैं। इन स्कूलों में अब पढ़ाई नहीं होगी और यहां के स्टाफ को अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाएगा।

  • शिक्षा खंड आनी:

  1. प्राथमिक विद्यालय, शाई
  2. प्राथमिक विद्यालय, टिहणी
  3. प्राथमिक विद्यालय, खादवी
  4. माध्यमिक विद्यालय, लुहाल
  • शिक्षा खंड निरमंड:

  1. प्राथमिक विद्यालय, किंदल
  2. प्राथमिक विद्यालय, नगेड़
  • शिक्षा खंड बंजार:

  1. माध्यमिक विद्यालय, कटोरा

यह स्कूल होगा पास के स्कूल में मर्ज
वहीं, शिक्षा खंड निरमंड के प्राथमिक विद्यालय दोघरी को पास के प्राथमिक विद्यालय कुंद में समायोजित (Merge) किया जाएगा। बताया जा रहा है कि दोघरी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या पांच से भी कम है। अब यहां पढ़ रहे दो-तीन विद्यार्थियों को अपनी आगे की पढ़ाई के लिए लगभग दो किलोमीटर की दूरी तय कर प्राथमिक विद्यालय कुंद जाना होगा।

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