Himachal News || भारत माता के नारों से गूंज पूरा इलाका, शहीद सैनिक को अंतिम विदाई देने उमड़ा हुजूम
ख़राब मौसम की बजह से देरी से पहुंची पार्थिव देह
देश सेवा या देश की रक्षा करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में हमारे युवा फौज में भर्ती होते हैं। ऐसे में कई युवा ऐसे होते हैं जो अपने ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त होते
कांगड़ा: देश सेवा या देश की रक्षा करने के लिए हर साल (every year) लाखों की संख्या में हमारे युवा फौज (Army ) में भर्ती होते हैं। ऐसे में कई युवा ऐसे होते हैं जो अपने ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त होते हैं और सदा सदा के लिए अमर हो जाते हैं। लेह लद्दाख (leh Ladakh ) के दुर्गम क्षेत्र में मातृ भूमि की रक्षा में अपनी सेवाओं के दौरान परमगति को प्राप्त नगरोटा बगवां (nagrota bagwan) के लिली गांव के दिवंगत सैनिक की पार्थिव देह गुरुवार को चौथे दिन पैतृक गांव पहुंची, तो अंतिम झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान सभी की आंखें नम और गमगीन थी।
खराब मौसम की वजह से हुए विलंब के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने बड़ोह चौक पर पहुंचकर अपने लाड़ले का स्वागत (welcome ) किया तथा सेना के वाहन में सुसज्जित पार्थिव शरीर को वाहनों के काफिले और जुलूस की शक्ल में पैतृक गांव ले जाया गया। गांव पहुंचते ही गांव वालों और घर वालों की आंखें आंसुओं से पूरी तरह भारी हुई थी। एक तरफ गम का माहौल था तो दूसरी तरफ अपने लाडले की वीर गति से सीना चौड़ा भी कि उनके लाडले ने भारत की सेवा (nation service) करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया है।
रास्ते में स्कूली बच्चों और बड़ी संख्या में ग्रामीण, जिनमें बच्चे बुजुर्ग तथा महिलाएं भी शामिल थीं। सभी ने नम आंखों से पुष्पवर्षा की तथा अपने लाडले के सम्मान में नारे (slogansl लगाए। इस दौरान समूचे क्षेत्र में माहौल गमगीन रहा तथा हर आंख नम दिखी। काबिलेगौर है कि लिली गांव के 25 वर्षीय युवक हैपी की दु:खद मौत का समाचार यहां पहुंचा था, जो पंजाब रेजिमेंट के तहत लेह में सेवारत थे तथा कडक़ती ठंड (cold wave) के चलते अस्वस्थ होने पर सेना की निगरानी में उपचाराधीन थे। इस तरह से देश सेवा करते हुए कई हमारे युवा और देश के सैनिक सदा सदा के लिए अमर हो जाते हैं और पीछे छोड़ जाते हैं अपनी अमिट की यादें।