IGMC Shimla viral video news: शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में मरीज के साथ हुई मारपीट की घटना पर सुक्खू सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने आरोपी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव नरूला को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। मरीज की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद से ही सरकार पर कार्रवाई का भारी दबाव था। स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय ने जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त करने के आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। यह कार्रवाई IGMC doctor termination के मामले में अब तक का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है।
सरकार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आईजीएमसी की अनुशासनात्मक समिति ने अपनी प्रारंभिक जांच में डॉक्टर को दोषी पाया है। जांच में सामने आया कि 22 दिसंबर को मरीज अरुण और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर राघव के बीच हाथापाई हुई थी। रिपोर्ट और वीडियो सबूतों के आधार पर यह माना गया कि डॉक्टर ने Resident Doctor Policy 2025 के नियमों का उल्लंघन किया है। धारा-9 के तहत कार्रवाई करते हुए सरकार ने डॉक्टर को सस्पेंड करने के बाद अब पूर्ण रूप से सेवामुक्त कर दिया है।

आईजीएमसी के डॉक्टर को निकालने के आदेश.
यह पूरा विवाद 22 दिसंबर 2025 की दोपहर को शुरू हुआ था, जब जुब्बल के रहने वाले मरीज अर्जुन सिंह पंवार इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। एंडोस्कॉपी के बाद मरीज को आराम करने की सलाह दी गई थी, लेकिन इसी दौरान डॉक्टर राघव ने कथित तौर पर मरीज से बदतमीजी शुरू कर दी। बात ‘तू-तड़ाक’ से शुरू होकर हाथापाई तक पहुंच गई। हद तो तब हो गई जब डॉक्टर ने बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर लेटे मरीज पर ही हमला बोल दिया। इस doctor patient fight video ने पूरे देश में लोगों को झकझोर कर रख दिया था।
घटना के बाद मरीज के परिजनों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की थी। परिजनों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ ‘अटैम्प्ट टू मर्डर’ का केस दर्ज करने और उसे नौकरी से निकालने की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने खुद हस्तक्षेप किया और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि, आरोपी डॉक्टर ने भी अपनी सफाई में कहा था कि मरीज ने भी उसके साथ मारपीट की जिससे उसे चोटें आईं, लेकिन disciplinary inquiry report में डॉक्टर का व्यवहार अनुचित पाया गया।
सिरमौर के पांवटा साहिब के रहने वाले डॉक्टर राघव इससे पहले नाहन मेडिकल कॉलेज में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस घटना ने डॉक्टर और मरीज के रिश्तों पर एक बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ डॉक्टर्स एसोसिएशन आरोपी के बचाव में उतरी थी, वहीं आम जनता और सरकार का रुख स्पष्ट था कि अस्पताल के भीतर मरीज के साथ हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फिलहाल, Shimla police case की जांच भी जारी है और कानून अपना काम कर रहा है।
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