Land Ceiling Act: हिमाचल में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल हुआ पास, इतने एकड़ जमीन ट्रांसफर कर पाएगी संस्था
न्यूज हाइलाइट्स
Land Ceiling Act: धर्मशाला। राधा स्वामी सत्संग ब्यास भोटा (Radha Soami Satsang Beas Bhota) धर्मार्थ अस्पताल 30 एकड़ भूमि हस्तांतरित कर सकेगा। हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के तीसरे दिन भूमि हस्तांतरण संबंधी संशोधन विधेयक सदन में पारित हुआ। हिमाचल सरकार (Himachal Government) ने लैंड सीलिंग एक्ट 1972 (Land Ceiling Act 1972) में बदलाव किया है, जिससे हमीरपुर के भोटा स्थित डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Dera Radha Soami Satsang Beas) को बड़ी राहत मिली है। यह संशोधन धर्मार्थ कार्य करने वाली संस्थाओं को भूमि हस्तांतरण में छूट प्रदान करता है।
30 एकड़ तक भूमि की अनुमति
संशोधन के तहत केवल 30 एकड़ भूमि तक की छूट दी जाएगी। अगर धर्मार्थ कार्य नहीं किया गया, तो भूमि सरकार (Government) के अधीन आ जाएगी। हालांकि, बीजेपी (BJP) ने विधेयक का मौखिक समर्थन नहीं किया। विधायक रणधीर शर्मा (Randhir Sharma) ने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास को भूमि देने के पक्ष में हैं, लेकिन इस संशोधन का दुरुपयोग हो सकता है, इसलिए इसे सेलेक्ट कमेटी (Select Committee) को भेजा जाना चाहिए।
सीएम ने साधा विपक्ष पर निशाना
विधेयक पारित होने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने कांग्रेस विधायक दल (Congress Legislative Party) का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष की दोहरी राजनीति (Double Standards) उजागर हो गई है। बीजेपी ने विधेयक का मौखिक समर्थन नहीं करके विरोध ही किया है।
विधेयक का प्रस्ताव और प्रभाव
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (Revenue Minister Jagat Singh Negi) ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश भू.जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 (Himachal Pradesh Land Ceiling Amendment Bill 2024) सदन में पेश किया। अब डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास और जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी (Jagat Singh Medical Relief Society) 30 एकड़ से अधिक भूमि हस्तांतरित कर सकेगी।
लैंड सीलिंग एक्ट (Land Ceiling Act) की धारा-5 में संशोधन के अनुसार, धार्मिक या आध्यात्मिक संस्थाएं 30 एकड़ से अधिक भूमि अपने पास नहीं रख पाएंगी। अगर जमीन का उपयोग निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया, तो यह सरकार के अधिकार में आ जाएगी।
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