smc teacher regular news: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले 15 से 20 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हजारों एसएमसी शिक्षकों के लिए आखिरकार एक बड़ी खुशखबरी आ गई है। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने इन शिक्षकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने का रास्ता साफ कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, जिससे करीब 2400 शिक्षकों के नियमित होने की उम्मीद जगी है। यह SMC teachers regularization की दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
ऐसे होगी विभाग में एंट्री, जानिए पूरी प्रक्रिया
सरकार ने इन शिक्षकों को सीधे नियमित करने की बजाय एक प्रक्रिया तय की है। इसके तहत, शिक्षकों को पहले दो साल के लिए “जॉब ट्रेनी” के तौर पर विभाग में तैनाती दी जाएगी। जब कोई शिक्षक दो साल का यह कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा कर लेगा, तब उसके बाद ही उसे नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह नई job trainee policy सभी एसएमसी शिक्षकों पर लागू होगी।
नियमित होने के लिए पास करनी होगी परीक्षा
हालांकि, विभाग में मर्ज होने का यह रास्ता आसान नहीं है। सभी शिक्षकों को एक साथ नियमित नहीं किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 5 प्रतिशत एलडीआर (सीमित सीधी भर्ती) कोटा तय किया है। इसका मतलब है कि शिक्षकों को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा आयोजित की जाने वाली एक परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा में जो शिक्षक ज्यादा अंक हासिल करेंगे, उन्हें मेरिट के आधार पर पहले मर्ज किया जाएगा। इस LDR quota recruitment के कारण यह प्रक्रिया कई सालों तक चलेगी।
इस साल केवल 143 शिक्षक होंगे मर्ज
5 प्रतिशत कोटे की शर्त के कारण इस साल कुल स्वीकृत 1427 पदों में से केवल 143 एसएमसी शिक्षक ही विभाग में मर्ज हो पाएंगे। इनमें जेबीटी के 62, टीजीटी आर्ट्स के 24 और ड्राइंग मास्टर के 16 पद शामिल हैं। बाकी बचे 1284 शिक्षकों को आने वाले सालों में खाली होने वाले पदों के विरुद्ध इसी प्रक्रिया के तहत मौका दिया जाएगा। Himachal education department ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और मेरिट पर आधारित होगी।