Himachal News || हिमाचल प्रदेश के उपभोक्ताओं को जल्द ही डिपो के माध्यम से स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर और रसायन मुक्त विकल्प मिलने जा रहा है। पहली बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्राकृतिक खेती से तैयार जौ का आटा उपलब्ध करवाया जाएगा। इसे लेकर कृषि विभाग के सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्राकृतिक खेती से खरीदे गए जौ की पिसाई कर डिपो और विभागीय आउटलेट के जरिए आपूर्ति का निर्णय लिया गया है।
कृषि विभाग ने जौ के आटे की कीमत 120 रुपये प्रति किलो तय की है, जबकि प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा 55 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध होगा। विभाग के अनुसार, दोनों उत्पादों की सप्लाई की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और 20 दिसंबर के बाद प्रदेश भर के डिपो में इनकी आपूर्ति शुरू हो जाएगी। कृषि विभाग के सचिव सी पालरासु ने बताया कि जौ की खेती पांगी क्षेत्र में प्राकृतिक विधि से की गई है और पहली बार उपभोक्ताओं को यह विकल्प दिया जा रहा है। वहीं सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलो कर दिया है, जिससे किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
इस फैसले से सिर्फ उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि किसानों को भी बड़ा फायदा होने वाला है। सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी बढ़ा दिया है। पहले जहां मक्की का एमएसपी 30 रुपये था, उसे बढ़ाकर अब 40 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी और वे chemical-free agriculture की तरफ और ज्यादा प्रेरित होंगे।

