Himachal HRTC News || हिमाचल में अब बसों की जगह दौड़ेंगे टेंपो ट्रैवलर, 422 रूटों पर निजी हाथों में जाएगी कमान, स्थानीय युवाओं को मिलेगा मौका

Himachal HRTC News || घाटे से जूझ रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने 422 रूटों को निजी ऑपरेटरों को सौंपने का खाका तैयार कर लिया है। इन रूटों पर अब बड़ी बसों की जगह टेंपो ट्रैवलर चलेंगे, जिससे न केवल लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार का मौका भी मिलेगा।

Himachal HRTC News || ​​​शिमला:  हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) को लगातार हो रहे भारी नुकसान से उबारने के लिए सरकार ने अब एक बड़ा और कड़ा फैसला लेने की तैयारी कर ली है। निगम ने प्रदेश भर के 422 ऐसे रूटों की पहचान की है, जहां सवारियां कम होने के कारण बसों को खाली दौड़ना पड़ता है। अब इन रूटों को निजी ऑपरेटरों के हवाले करने की योजना बनाई गई है। खास बात यह है कि इन संकरे और ग्रामीण रास्तों पर अब बड़ी बसों की जगह Tempo Traveller दौड़ते नजर आएंगे। सरकार का मानना है कि इससे जहां निगम का घाटा कम होगा, वहीं लोगों को भी बेहतर यातायात सुविधा मिल सकेगी।

 इन रूटों पर अब टेंपो ट्रैवलर चलेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधा बनी रहेगी और बसों पर होने वाला घाटा भी कम होगा। सरकार का कहना है कि निजी ऑपरेटर इन कम सवारियों वाले रूटों को आमतौर पर नहीं लेते हैं, इसीलिए टेंपो ट्रैवलर उनके लिए लाभदायक साबित होगा। इस प्रस्ताव को अब कैबिनेट में रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद परिवहन विभाग इन रूटों के लिए विज्ञापन जारी करेगा। इस बार स्थानीय युवाओं को रूट लेने का अवसर मिलेगा।

वर्तमान में एचआरटीसी का कुल घाटा 2200 करोड़ रुपये है, जिसमें हर महीने करीब 70 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकार निगम को सालाना 780 करोड़ रुपये का अनुदान देती है और घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों के युक्तिकरण सहित सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं एचआरटीसी के बेड़े में 3,180 बसें हैं, जबकि निजी क्षेत्र में लगभग 3,300 बसें संचालित होती हैं। सरकार ने पहले चरण में 100 टेंपो ट्रैवलर चलाने का निर्णय भी लिया है, जिनकी खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वहीं परिवहन विभाग का कहना है कि टेंपो ट्रैवलर से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और घाटे वाले रूटों का संचालन भी संभव होगा।