Himachal Fake Medicine Factory || हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर से एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां वर्षों से बंद दर्ज एक फैक्ट्री के भीतर अवैध दवाइयों का उत्पादन पकड़ा गया। बाहर से ताले में बंद दिख रही ये फैक्ट्री अंदर पूरा गोरखधंधा चला रही थी। स्टेट ड्रग कंट्रोल विभाग और बिलासपुर पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर डीएसपी नैना देवी और ड्रग इंस्पेक्टर अंजना देवी की टीम ने जब मौके पर दबिश दी, तो ताला तोड़ते ही अंदर अवैध दवाइयों और स्लॉट तैयार होने का सिलसिला चलता मिला। फैक्ट्री में ना कोई रजिस्टर था, ना स्टॉक रिकॉर्ड, ना सुरक्षा दस्तावेज। यानी पूरा संचालन नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया जा रहा था।
चौंकाने वाली बात यह रही कि यह वही फार्मा यूनिट है जिसे खराब गुणवत्ता और नियम उल्लंघन के चलते सील किया गया था, लेकिन इसे वापस छिपाकर गुप्त ठिकाने के रूप में फिर से इस्तेमाल किया जा रहा था। टीम ने बड़ी मात्रा में कच्चा माल, पैकिंग सामग्री, सैंपल और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं, जिन्हें सील कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। अधिकारियों को शक है कि यहां तैयार माल पड़ोसी राज्यों तक अवैध नेटवर्क के जरिए सप्लाई किया जा रहा था। प्रशासन ने एनडीपीएस (NDPS) और फार्मेसी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। जबकि जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हुई हैं कि इस नेटवर्क के पीछे कौन लोग शामिल हैं और सप्लाई चेन किस तरह संचालित हो रही थी।

