Himachal News || शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में पुनर्गठन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य बिजली बोर्ड के सिविल कैडर पदों को लोक निर्माण विभाग (PWD) और जल शक्ति विभाग में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिजली बोर्ड प्रबंधन ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है। वर्तमान में बिजली बोर्ड में सिविल श्रेणी के करीब 250 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो निर्माण, मेंटेनेंस और भवन संबंधी कार्यों को संभालते हैं।
सरकार का मानना है कि बोर्ड का मूल कार्य बिजली उत्पादन, वितरण और बिलिंग है, जबकि सिविल कार्य PWD और जल शक्ति विभाग अधिक प्रभावी तरीके से संभाल सकते हैं। इसी दिशा में पदों को चरणबद्ध तरीके से दोनों विभागों को सौंपने की योजना बनाई जा रही है। प्रस्ताव में पदों, कर्मचारियों, वेतनमान, वरिष्ठता और भविष्य की तैनाती जैसे व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसे जल्द ही सरकार के समक्ष भेजा जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद आदेश जारी किए जाएंगे।
सरकार का स्पष्ट मानना है कि बिजली बोर्ड का मूल काम बिजली का उत्पादन करना, लोगों तक बिजली पहुंचाना और समय पर बिलिंग करना है। सिविल कार्य, जैसे इमारतों का निर्माण या मेंटेनेंस, बिजली बोर्ड की विशेषज्ञता नहीं है। सरकार को लगता है कि ये काम पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग ज्यादा बेहतर और प्रभावी तरीके से कर सकते हैं। इसलिए, power distribution and billing सिस्टम को सुधारने के लिए गैर-जरूरी कार्यों को संबंधित विभागों को सौंपना ही समझदारी है। बोर्ड प्रबंधन द्वारा तैयार किए जा रहे प्रस्ताव में कर्मचारियों के हितों का भी ध्यान रखा जाएगा। इसमें कर्मचारियों के वेतनमान, उनकी वरिष्ठता (Seniority) और भविष्य में उनकी तैनाती किन शर्तों पर होगी, इन सभी पहलों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जैसे ही यह खाका तैयार हो जाएगा, इसे सरकार के पास भेजा जाएगा। इसके बाद अंतिम मुहर के लिए इसे Himachal cabinet approval के लिए लाया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही आधिकारिक आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

