Himachal Cabinet Decisions: हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए सोमवार का दिन बड़ी सौगात लेकर आया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नौकरियों का पिटारा खोल दिया गया। सरकार ने विभिन्न विभागों में 4200 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी दे दी है, जिससे प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का सपना पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले को Himachal government jobs के लिहाज से अब तक का सबसे बड़ा ऐलान माना जा रहा है।
नौकरियों का पिटारा, इन विभागों में होंगी बंपर भर्तियां
सरकार ने सबसे बड़ी राहत बिजली बोर्ड को दी है, जहां लंबे समय से कर्मचारियों की कमी चल रही थी। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में 1,602 बिजली उपभोक्ता मित्रों और 1,000 टी-मेट्स के पदों को भरने का निर्णय लिया है। इससे न सिर्फ बोर्ड का काम सुधरेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी। यह HPSEB recruitment प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। राजस्व विभाग में भी पटवारियों की कमी को दूर करते हुए सरकार ने 645 पटवारियों के पदों को ट्रेनी आधार पर भरने की स्वीकृति प्रदान की है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 400 स्टाफ नर्स और 200 चिकित्सा अधिकारियों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया गया है। इन medical staff vacancies से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बड़ी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों में 300 जॉब ट्रेनी, राज्य सचिवालय में 25 स्टेनो-टाइपिस्ट और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 38 सहायक प्रोफेसर के पदों को भी भरने की मंजूरी दी गई है।
सोलन जिले के परवाणु और धर्मपुर पुलिस थानों में विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को भरने का भी निर्णय लिया गया है ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस की उपस्थिति को बढ़ाई जहा सके। बैठक में पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के संगठनात्मक ढांचे को सुव्यवस्थित करने और पांच नए पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा, एक-एक कंप्यूटर ऑपरेटर और जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर का पद भरने को भी स्वीकृति दी गई। लोकायुक्त कार्यालय, हिमाचल प्रदेश में दो जेओए (आईटी) पदों का सृजन कर इन्हें भरने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने सात डिनोटिफाइड महाविद्यलायों के 45 शिक्षण और 61 गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उच्च शिक्षा निदेशालय के सरप्लस पूल में स्थानांतरित करने को भी अनुमति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से 6 सितंबर, 2025 को जारी उच्च ग्रेड वेतन अधिसूचना को वापस लेने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में अतिथ्यि उद्योग में मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप योजना शुरू करने को मंजूरी प्रदान की गई ताकि पर्यटन और अतिथ्यि क्षेत्र में प्रदेश के मूल निवासियों को स्वरोजगार के अवसर मिल सकंे। इस योजना के अंतर्गत नए होम स्टे के निर्माण अथवा पुराने होम स्टे को स्तरोन्नत करने के उदे्देश्य से लिए गए ऋणों पर ब्याज में राहत प्रदान की जाएगी। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रतिशत और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ करने के लिए मंत्रिमंडल ने प्रदेश के नौ जिलों के आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 28 डायलिसिस केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी ताकि मरीजों को घर के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। मंत्रिमंडल ने मेडिकल ऑफिसर (सामान्य) कैडर को मेेडिकल ऑफिसर (सामान्य) और मेडिकल ऑफिसर (विशेषज्ञ) में विभाजित करने मंजूरी दी ताकि प्रदेश के लोगों को विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध हो सकंे। बैठक में मौजूदा प्रावधानों में संशोधन कर स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडीएफ) का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रत्येक वर्ष ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को वित्तीय सहायता देने में उपयोग में लाने को स्वीकृति प्रदान की गई।
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (व्यवसाय एवं प्रक्रिया) नियम 2024 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अन्तर्गत, अब उम्मीदवार आवेदन के समय अन्य पिछ़डा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे जैसे वैध प्रमाण पत्र उपलब्ध न होने पर एक शपथ पत्र देकर बाद में प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए मंत्रिमंडल ने मॉडल उप-नियम मंजूर किए हैं।यह निर्णय विशेष रूप से हाल के मानसून सीजन के दौरान हुई भारी तबाही को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। बैठक में पुलिस कांस्टेबलों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 176 (1) के तहत अधिकार देने को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसके अनुसार अब वह कांस्टेबल जिसके पास स्नातक की डिग्री है, सात साल की सेवा पूरी कर चुका हो, छः सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण ले चुका हो, निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण की हो और जिस पर कोई विभागीय जांच लंबित नही है, उसे ऐसे मामले की जांच का अधिकार होगा, जिसमें अधिकतम तीन साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान हो।
मंत्रिमंडल ने चंबा जिले के पांगी तहसील के साच में नई उप-तहसील खोलने तथा इसके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पद सृजित कर इन्हें भरने को मंजूरी प्रदान की। इसी तरह, कांगड़ा जिले की रे उप-तहसील में हटली और मलहंता पटवार वृत्तों का पुनर्गठन कर नया पटवार सर्कल नंगल बनाने का निर्णय भी लिया गया है। बैठक में कांगड़ा जिले की उप-तहसील चढियार को तहसील का दर्जा देने और इसके संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर इन्हें भरने को मंजूरी प्रदान की गई। लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमीरपुर जिले के भोरंज, बमसन और सुजानपुर विकास खंडों का पुनर्गठन करने को स्वीकृति दी प्रदान की गई। कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी क्षेत्र के हलेड़ स्थित हरसी में जलशक्ति विभाग का नया उप-मंडल खोलने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश पट्टा नियम 2013 के नियम-7 में संशोधन को मंजूरी दी जिससे हिमुडा के पक्ष मंे भूमि पट्टा अवधि अब 80 वर्ष तक होगी। इससे प्रदेश के लोगों को सुरक्षित और किफायती दरों पर आवास उपलब्ध हो सकेंगे। इसके अलावा बैठक में सन्गया चौलिंग एसोसिएशन, संजौली (शिमला) के पक्ष में सरकारी भूमि पट्टा अवधि को 40 साल के लिए बढ़ाने को स्वीकृति दी गई। साहसिक पर्यटन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पर्यटन विभाग के साथ पंजीकृत सभी टेंडेम पायलटों के लिए 31 अगस्त, 2026 को या उससे पहले उड़ानों के दौरान सिमुलेशन पैराग्लाइडिंग सुरक्षा पाठ्यक्रम पूरा करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया, ताकि पैराग्लाइडिंग गतिविधियों में लगे पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मंत्रिमंडल ने राज्य के 13 स्थानों पर ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट और सोलर-सीबीजी पावर पोजेक्ट लगाने के लिए पट्टे पर भूमि देने को मंजूरी प्रदान की। इसके अलावा, कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण को 24 माह बढ़ाकर 3 जून, 2026 तक करने का निर्णय लिया गया है।