Harsh Mahajan Kaun Hain || कौन हैं हर्ष महाजन...किस्मत ने दिया साथ, बराबर वोट मिलने के बाद भी कैसे जीते राज्यसभा चुनाव?
Harsh Mahajan Kaun Hain || कौन हैं हर्ष महाजन...किस्मत ने दिया साथ, बराबर वोट मिलने के बाद भी कैसे जीते राज्यसभा चुनाव?
Harsh Mahajan Kaun Hain || हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने हर्ष महाजन को राज्यसभा चुनाव जीता लिया हुआ है। कांग्रेस का अभिषेक मनु सिंघवी हार गया है। हर्ष महाजन को भाग्य ने साथ दिया। दोनों नेताओं को 34-34 वोट मिले। बाद में हर्ष महाजन ने पर्ची जीत ली।
Political Career : राजनीतिक कैरियर हर्ष महाजन || Harsh Mahajan Kaun Hain
हर्ष महाजन वर्ष 1993 से 2007 तक तीन बार चंबा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। वर्ष 2007 के बाद से महाजन ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के चुनावों का जिम्मा संभाला। 1993 में पहली बार विधायक बने महाजन तत्कालीन सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे। 1998 में प्रदेश कांग्रेस का चीफ व्हीप चुना गया। 2003 में महाजन कैबिनेट मंत्री बने थे। वर्ष 1986 से 1996 तक महाजन प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 2012 में राज्य सहकारी बैंक का चेयरमैन नियुक्त किया गया। हर्ष महाजन वीरभद्र सिंह के सबसे करीबियों में से एक रहे हैं। कांग्रेस के प्रति निष्ठा को देखते हुए हाईकमान ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था।कांग्रेस ने उन्हें भी शिमला नगर निगम चुनाव की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन महाजन ने विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़ दी, जो पार्टी को बड़ा झटका लगा था। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा था, इसलिए वे बीजेपी में शामिल हो गए। बताया जा रहा है कि वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में मौजूद असंतोष का कारण है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से कोई एक एकछत्र नहीं है। हर वरिष्ठ नेता को लगता है कि वह सीएम फेस का दावेदार है, और सभी नेता अपनी राह पर चल रहे हैं। कुछ लोग टिकट चयन को भी इसके कारण मानते हैं। हलांकि हर्ष महाजन ने अभी तक पार्टी छोड़ने की वजह नहीं बताई है।
- 1986 से 1996 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे
- -पहला चुनाव 1993 चंबा सदर
- -1993 से 2007 तक--तीन बार विधायक
- -1993 में मुख्य संसदीय सचिव रहे।
- -1998 में प्रदेश कांग्रेस का चीफ व्हीप चुने
- -2003 में महाजन कैबिनेट मंत्री बने थे
- 2012 में राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन बने।