Chamba Bharmour NH: 15 दिन बाद बहाल हुआ चंबा-भरमौर हाईवे, अधिकारी जीत सिंह ठाकुर की रणनीति आई काम

Chamba Bharmour NH पर 15 दिनों से चली आ रही मुसीबत आखिरकार खत्म हो गई है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद पड़ा यह महत्वपूर्ण मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

Chamba Bharmour NH:  चंबा/भरमौर: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की तबाही का एक बड़ा केंद्र बने चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग-154ए पर 15 दिनों के लंबे और कष्टकारी इंतजार के बाद आखिरकार जिंदगी की रफ्तार लौट आई है। भूस्खलन (Landslide) के कारण जगह-जगह से टूट चुके इस हाईवे को एनएच प्राधिकरण ने युद्धस्तर पर काम करते हुए छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है। इस मार्ग के खुलने से न केवल स्थानीय लोगों ने, बल्कि मणिमहेश यात्रा के लिए आए हजारों श्रद्धालुओं ने भी राहत की सांस ली है।

मणिमहेश यात्रा पर पड़ा था सबसे बड़ा असर

इस हाईवे के बंद होने का सबसे बुरा असर विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा पर पड़ा। यात्रा के बीच में ही सड़क बंद हो जाने से लगभग 15,000 श्रद्धालु भरमौर में ही फंसकर रह गए थे। हालात इतने गंभीर हो गए थे कि श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ियां और सामान भरमौर में ही छोड़कर, जान जोखिम में डालकर कई किलोमीटर पैदल चलकर चंबा तक पहुंचना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान सेना को सौंपनी पड़ी। भारतीय वायुसेना के विशालकाय चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook Helicopters) ने 524 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला, जबकि MI-17 हेलीकॉप्टर से 400 श्रद्धालुओं को चंबा पहुंचाया गया। कुल मिलाकर 1160 लोगों को हवाई मार्ग से सुरक्षित बाहर निकाला गया था।

युद्धस्तर पर चला बहाली का काम

इस महत्वपूर्ण मार्ग को खोलने के लिए एनएच प्राधिकरण ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। विभिन्न परियोजनाओं से मशीनरी मंगवाई गई और कुल 17 मशीनें दिन-रात मलबा हटाने और सड़क की मरम्मत के काम में लगी रहीं। सरकार ने विशेष रूप से बिलासपुर के अधीक्षण अभियंता, जीत सिंह ठाकुर, को इस मिशन की कमान सौंपी थी। जीत सिंह ठाकुर पहले चंबा में भी सेवाएं दे चुके हैं और यहां की भौगोलिक परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उनके अनुभव और कुशल नेतृत्व का ही नतीजा था कि उन्होंने अपनी तैनाती के सिर्फ सात दिनों के भीतर ही इस बेहद चुनौतीपूर्ण काम को पूरा कर मार्ग को छोटे वाहनों के लिए सुचारू कर दिया।

जरूरी सामान का संकट भी होगा खत्म

15 दिनों तक सड़क बंद रहने से भरमौर में रसोई गैस, सब्जियों और अन्य जरूरी सामानों का गंभीर संकट पैदा हो गया था। स्थानीय लोगों को रोजमर्रा की चीजों के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। अब मार्ग के खुलने से जहां राहत सामग्री और जरूरी सामानों की आपूर्ति फिर से सामान्य हो सकेगी, वहीं क्षेत्र का जनजीवन भी धीरे-धीरे पटरी पर लौट आएगा।

अधीक्षण अभियंता जीत सिंह ठाकुर ने कहा, यह मार्ग बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बंद हुआ था। लगातार बारिश और भारी मलबे के बावजूद हमारी टीम ने दिन-रात काम किया और सिर्फ सात दिनों में सड़क को छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया। बड़े वाहनों के लिए भी मार्ग को जल्द ही पूरी तरह सुरक्षित बना दिया जाएगा।