Chamba Pangi News: पांगी में जल ग्रहण भूख हड़ताल के बाद अब होगा आमरण अनशन, अभी तक नहीं जागी प्रदेश सरकार

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Chamba Pangi News:  पांगी :  पांगी घाटी के बीडीसी शुण और पूर्व प्रधान सुराल कल्याण सिंह द्वारा जल ग्रहण भूख हड़ताल का यह तीसरा दिन है। इनकी प्रमुख मांगें घाटी की लंबे समय से अनदेखी की गई समस्याओं को हल करना है। इनके इस आंदोलन को अब पांगी घाटी के विभिन्न पंचायतों और कई निजी संगठनों का समर्थन मिल रहा है। बुधवार को घाटी के अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग इन दोनों के समर्थन में पहुंचे, जिससे यह मामला और अधिक गंभीर होता दिख रहा है।

पांगी घाटी के लोगों का कहना है कि वे वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सड़क, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और अन्य आधारभूत ढांचे की कमी ने यहां के निवासियों का जीवन कठिन बना दिया है। बीडीसी शुण और पूर्व प्रधान सुराल कल्याण सिंह ने इन मुद्दों को लेकर प्रशासन और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का कई बार प्रयास किया। लेकिन सरकार और प्रशासन की लगातार अनदेखी के कारण उन्होंने भूख हड़ताल का मार्ग अपनाया। घाटी के ग्रामीणों और निजी संगठनों द्वारा आंदोलन को मिला समर्थन यह दर्शाता है कि पांगी घाटी के लोग प्रशासन की उदासीनता से कितने आहत हैं। हड़ताल स्थल पर पहुंचे लोगों ने न केवल उनकी मांगों का समर्थन किया, बल्कि प्रशासन से जल्द समाधान की भी अपील की। 

हड़ताल का दूसरा दिन बीत जाने के बावजूद, प्रशासन या प्रदेश सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह चुप्पी घाटी के लोगों के गुस्से को और भड़का रही है। कई लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो आंदोलन और तेज होगा। पांगी घाटी की समस्याओं का समाधान करना न केवल प्रशासन का कर्तव्य है, बल्कि घाटी के लोगों का अधिकार भी है। सरकार को चाहिए कि वह हड़ताल कर रहे लोगों की मांगों को गंभीरता से सुने और जल्द से जल्द समाधान निकालें। यह स्थिति केवल पांगी घाटी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़ा करती है। अपनी मांगों को लेकर दृढ़ संकल्पित इन दोनों सदस्यों ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे वीरवार दोपहर से आमरण अनशन शुरू करेंगे। सुराल कल्याण सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस अनशन के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।

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