पांगी: बच्चों को पढ़ाने के बजाय पांगी पर सर्वे कर रही प्रोफेसर डॉ. प्रोमिला, सभी सर्वे रिपोर्ट फर्जी

पांगी: Survey Report fake in Pangi”  हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी के मुख्यालय किलाड़ में स्थित महाविद्यालय में जहां पिछले कई सालों से प्रोफेसरों के पद खाली चल रहे हैं। लेकिन मौजूदा समय में वहां पर कुछ एक प्रोफेसर जो बच्चों को पढ़ाने की बजाय पांगी घाटी पर सर्वे पर रहे है। ऐसा ही एक वीडियो हाल ही में पांगी घाटी में आयोजित दो दिवसीय स्रो-फेस्टिवल के दिन का सामने आया हुआ है। कार्याक्रम के दौरान भरी जनसभा में भाषण देती हुई एक कॉलेज की प्रोफेसर द्वारा पांगी घाटी पर किए गए सर्वे के बारे में जानकारी दी हुई है। बड़ी हैरानी की बात है कि जिन प्रोफेसरों को प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों को पढ़ाने के लिए पांगी भेजा हुआ है। वह अपना काम छोड़ कर पाएंगे घाटी पर सर्वे कर रहे हैं। और घाटी का इतिहास खंगाल रहे हैं। दरअसल यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

महाविद्यालय किलाड कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर प्रमिला द्वार पांगी घाटी में किए गए सर्वे के मुताबिक पांगी की 80 फीसदी महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा व शोषण होता है। डॉक्टर प्रमिला का कहना है कि घाटी के ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा समय में भी महिलाओं के साथ शोषण किया जाता है जिसका मुख्य कारण है नशा। उन्होंने कहा कि अपने सर्वे में पांगी के ऐसे क्षेत्रों में जाकर डोर टू डोर सर्वे किए हुए हैं। जहां पर पाया गया कि महिलाओं के साथ शोषण किया जा रहा है। लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि डॉक्टर प्रमिला द्वारा इस सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।

केवल जनसभाओं में वह भारी महफिलों में पंगवाल समुदाय पर कीचड़ उछाला जा रहा है। वही इस वीडियो के सामने आने के बाद पंगवाल समुदाय के लोग डॉक्टर प्रमिला से लिखित रूप से माफीनामा मांगने की बात कर रहे हैं । जाहिर सी बात है यदि डॉक्टर प्रमिला के पास ऐसी कोई अनुमति है कि वहं पांगी घाटी पर सर्वे करे। डॉक्टर प्रमिला का कहना है कि घाटी के अधिकतम युवा वर्ग जो है नशे की चपेट में आ चुके हैं। वहीं उन्होंने अपने रिपोर्ट में एक और बात कही हुई है। कि पांगी के मुख्यालय किलाड़ में शाम ढलते ही महिलाओं को किलाड़ बाजार में घूमना दुश्वार हो जाता है। महिलाओं को डर के साए में पांगी घाटी में जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब देखने वाली बात है कि डॉक्टर प्रमिला द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट या तो सार्वजनिक की जाए या ।

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कौन है डॉक्टर प्रोफेसर डॉक्टर प्रमिला
प्रोफेसर डॉक्टर प्रमिला जिला चंबा के चुराह क्षेत्र की रहने वाली है इनका जन्म लाहुलस्पीति में हुआ है और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में अपनी सेवाएं दी हुई है। 2 साल पहले इनका तबादला पांगी के मुख्यालय किलाड़ में स्थित महाविद्यालय में किया गया है लेकिन डॉक्टर प्रमिला बच्चों को पढ़ाने की बजाय पांगी घाटी में सर्वे कर रही है और इस तरह की रिपोर्ट सामने निकाल रही है।

सभी रिपार्ट है फर्जी, पंगवाल समूदाय
पंगवाल समूदाय के यूवा पत्रकार वीरू राणा ने जब इस जब इस बात को झूठ साबित करने के लिए पांगी घाटी की 19 पंचायतों के लोगों से संपर्क किया जहां पर पता चला कि अधिकतम पंचायतों की सर्वे रिपोर्ट डॉक्टर प्रोमिला द्वारा फर्जी बनाई हुई है। डॉक्टर प्रमिला द्वारा पांगी घाटी के केवल हुड़ान भटोरी, सुरल भटोरी और चसक भटौरी में ही सर्वे किए हुए हैं। पत्रिका न्यूज हिमाचल इस बात की पूरी पुष्टी करता है कि डॉ प्रोमिला द्वारा पांगी घाटी पर किये गए सर्वे फर्जी है।

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इस बात को झूठा साबित करने के लिए जब पांगी के चसक भटौरी निवासी प्रेम सिंह से बात की तो उनका कहना है कि यह सरासर झूठ है और पंगवार समुदाय पर कीचड़ उछालने वाली बात कही गई है। उन्होंने कहा कि पांगी घाटी की महिलाएं जितनी सुरक्षित है उतनी बाहर की महिलाएं नहीं है। मौजूदा समय में पांगी घाटी का युवा वर्ग क्षेत्र से बाहर देश व प्रदेश के विभिन्न जिलों में पढ़ाई कर रहा है। वही इसके बाद जब हमने इस बात का खुलासा करने के लिए ग्राम पंचायत सुराल निवासी से बात की गई वहां पर पता चला कि डॉक्टर प्रोमिला द्वारा निकाली गई अपनी सर्वे रिपोर्ट फर्जी है। इसी तरह पांगी घाटी के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में फोन कॉल के माध्यम से जब डॉक्टर प्रमिला द्वारा अपनी सर्वे रिपोर्ट के बारे में पता किया गया तो पता चला कि वह पूरी फर्जी रिपोर्ट निकली हुई है।

बाईक राइडिंग वह घूमने के आते है महाराष्ट्र का एक मशहूर यूट्यूब पर सुनीत सिंह
वही डॉक्टर प्रमिला द्वारा किए गए सर्वे के बारे में जब कई बड़े यूट्यूब वह शोधकतार्ओं से बात की गई तो वहां से भी फर्जी निकली हुई है। हर साल पांगी घाटी में बाईक राइडिंग वह घूमने के आते है महाराष्ट्र का एक मशहूर यूट्यूब पर सुनीत सिंह बताते है कि वह पिछले आठ सालों से पांगी घाटी में बाईक राईडिंग करने आते है। इस दौरान वह ज्यादातर सुराला, साचपास, प्रेग्रां, हुड़ान, चसक घूमते है। हमेशा भोजपत्र वह पंगवाल संस्कृति पर वीडियो बनाते हैं लेकिन इस तरह का मामला पिछले सात सालों में कभी नहीं देखा। उनका कहना है कि उन्होंने करीब पांच दिन सुरल भटोरी में गुजारे हुए हैं वही 3 दिन वह हुडान भटौरी में रहे जहां पर लोगों का रहन सहन उन्हें काफी दिलचस्प लगा।

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