मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के धर्मपुर विधानसभा की रहने वाली 21 साल की वंदना ने पुलिस में भर्ती होने का सपना देखा था। लेकिन उसका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। वंदना की जिंदी की में ऐसी नौबत आई है, कि अब अपनी जान बचाने के लिए जनता से गुहार व प्रदेश सरकार से मांग कर रही है। आपकी जनकारी के लिए बता दें कि आईटीआई कर चुकी वंदना कुमारी को ब्लड कैंसर से है। और पिछले काफी समय से इस भ्यानक बीमारी से वंदना लड़ रही है। अपने स्तर पर वंदना प्रदेश सरकार व स्थानीये प्रशासन से कई बार मांग कर चुकी है। लेकिन अभी तक कोई भी मदद नहीं मिली हुई है। जब वंदना के परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए तो वहां पर उसके इलाज के लिए 35 लाख रुपयों की मांग की जा रही है। वंदना का पिता बागवानी विभाग में माली हैं और इतना खर्च नहीं उठा सकते। बेटी को सहारा और हिम्मत देने के लिए मां भी नहीं है।
मां का देहांत हो चुका है। एक बड़ा भाई है, जो ट्रक चलाता है और बड़ी बहन की शादी हो गई है। वंदना हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट की धर्मपुर तहसील के गांव ब्रांग की रहने वाली है। पैसे का कहीं से भी इंतजाम नहीं हो रहा है। इसी बीच मंगलवार को एक चिठ्ठी लेकर वंदना अपने भाई के साथ आर्थिक मदद के लिए शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास पहुंची। सीएम ने वंदना की चिट्ठी पर हस्ताक्षर कर हर संभव मदद का भरोसा दिया। सीएम की ओर से शुरूआती मदद के रूप में 5 लाख रुपये की सहायता का आश्वासन मिला है। विधायक भी अपनी ओर से मदद करेंगे।
स्थानीये प्रशासन के पास भी वंदन के नाम की राहत राशि जमा करवा सकते है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप भी वंदना की मदद करना चहाते है। तो अपने प्रशासन एसडीएम व डीसी के पास वंदना के नाम की रकम जाम करवा सकते है। वहीं आप बाई पोस्ट भी वंदना के लिए मदद का पैसा भेज सकते है। वंदना का पता है कि वंदना कुमार गांव लोअर ब्राग तहसील धर्मपुर जिला मंडी है। इस एड्रस पर आप रकम भेजकर वंदना की मदद कर सकते है। वहीं आप अपने स्थानीये प्रशासन के पास भी वंदन के नाम की राहत राशि जमा करवा सकते है। ताकि इस मजबूर बच्ची की मदद हो सके।
वंदना मंडी जिले की धर्मपुर तहसील के लोअर ब्राग गांव की रहने वाली हैं। वंदना के बडे भाई रवि पाल ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले जब वो पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही तो उसे अचानक छाती में दर्द शुरू हुआ। सामान्य सी बीमारी समझकर डॉक्टर के परामर्श पर दवाई ली पर कोई आराम नहीं मिला। दर्द बढ़ा तो शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में पता चला कि बीमारी गंभीर है और स्टेज भी बढ़ गई है।