शिमला: केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के बागवान फसल बीमा के लिए अधिकृत कंपनियों को अभी तक 248 करोड ₹8800000 से अधिक की राशि प्रीमियम के रूप में दे चुके हैं। लेकिन इन कंपनियों ने वाहनों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के एवज में पिछले 3 सालों में महज 128 करोड रुपए की राशि ही जारी की है। बीमा कंपनियों की इस मनमानी से खफा प्रदेश सरकार ने 2020 21 का इन कंपनियों का फसल बीमा योजना का प्रीमियम रोक दिया है। बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह खुलासा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन बीमा कंपनियों की वजह से भगवानों को लाभ नहीं मिल रहा है महेंद्र सिंह ठाकुर फसल बीमा योजना को लेकर विधायक नरेंद्र बल्हारा के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से 2020 के दौरान प्रदेश सरकार ने फसल बीमा के एवज में इन कंपनियों को 74 करोड ₹200000 जबकि भारत सरकार ने ₹737000000 से अधिक की राशि प्रीमियम के रूप में दी है।
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने विधायक विनय कुमार, किशोरीलाल, वीरभद्र सिंह और हर्षवर्धन चौहान, के संयुक्त सवाल पर कहा कि एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने का सरकार का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों की सेवाएं जारी रखने के लिए प्रदेश सरकार और एसएमसी शिक्षकों की एसएलपी 24 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट में सरकार हो चुकी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसएनसी शिक्षकों की प्रदेश सरकार की 2017 की नीति को भी सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है और इसका अनुपालन किया जा रहा है उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों को नियमित करने का कोई आदेश नहीं दिया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इसी सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री को वर्ष 2021 22 का बजट पेश करने से पहले इन शिक्षकों को नियमित करने की सदन में घोषणा करनी चाहिए ग्रामीण विकास व पंचायत राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भाजपा सदस्य कर्नल इंद्र सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव घोषित होने के बाद विभिन्न पंचायतों के तत्कालीन प्रधान और उपप्रधान और सदस्यों से 5 करोड ₹3900000 से अधिक की राशि वसूली जानी थी जिसमें से अभी तक 5000000 ₹28000 के राष्ट्रीय रिकवर कर ली है फिर से राशि वसूलने की प्रक्रिया जारी है।
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