हिमाचल: चुनावी साल में सत्ता के सहारे खूब मजे लेने वाले हुए गायब, सरकार-विधायकों के कार्यक्रमों में नहीं आ रहे नजर

सोमी प्रकाश भुव्वेटा
चंबा। सत्ता के सहारे साढ़े 4 साल तक खूब मजे करने वाले मौकापरस्त लोग इलेक्शन ईयर में धूमिल होने शुरू हो गए हैं। सरकार के कार्यकाल में व्यक्तिगत फायदे के लिए विधायक और सरकार के मंत्रियों के आगे पीछे घूमने वाले अधिकांश चेहरे अब विधायक के कार्यक्रमों में भी दिखने बंद हो गए हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस तरह के लोगों ने ही सत्ता सुख का आनंद लिया है और अब जब इलेक्शन टेन्योर में धरातल पर काम करने की बारी आई है तो अपने अपने काम धंधे में खुद को अत्यंत व्यस्त बताकर न तो पार्टी और न ही विधायकों के कार्यक्रम में मुंह दिखा रहे हैं।
बड़ी बात तो यह है कि इलेक्शन टेन्योर में जिन लोगों ने खुद को किनारे कर लिया है उन लोगों की वजह से कई सालों से पार्टी से जुड़े लोग पहले ही कन्नी काटते हुए सरकार के नुमाइंदों को ज्यादा तवज्जों न देने को कह रहे थे लेकिन सरकार के नुमाइंदों ने उस वक्त पार्टी के कर्मठ लोगों की एक भी नहीं सुनी अब जब ऐसे लोग मलाई खाकर इलेक्शन ईयर में धीरे-धीरे किनारे होने लगे हैं तो सरकार के नुमाइंदों को भी लगने लगा है कि उन्होंने मौकापरस्त लोगों को तवज्जों देकर गलती की है । क्योंकि साढ़े चार साल तक उनके सर पर मौकापरस्त लोगों ने खूब मौज की है लेकिन इलेक्शन ईयर में जब उन्हें जरुरत है तो वो लोग खुद को अपने काम धंधे में व्यस्त बताते हुए पार्टी की कार्य से दूर भाग रहे हैं ।
बहरहाल ऐसे लोगों की एक सूची पार्टी हाईकमान को प्रेषित कर उन लोगों को दोबारा मुंह नहीं लगाने का हस्ताक्षर युक्त पत्र संगठन से जुड़े लोगों ने भेजा है जिसमें स्पष्ट लिखा है कि पार्टी के लोगों को दरकिनार करके पार्टी लाइन को क्रास करके मौकापरस्त लोगों को न तो पार्टी का दायित्व और न ही सरकारी कार्यक्रम में तवज्जों मिलनी चाहिए । क्योंकि मेहनत पार्टी के कार्यकर्ता करते हैं और जब सत्ता मिल जाती है तो मलाई खाने के लिए कोई और आ जाते हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सत्ता सुख का आनंद लेकर इलेक्शन ईयर में गायब मौकापरस्त लोगों का उदाहरण सबके सामने हैं और इसकी चर्चा भी ऐसे लोगों के नाम लेकर खूब हो रही है।