पांगी में सिजेरियन का करवाया नॉर्मल प्रसव, 22 वर्षीय महिला ने बच्ची को दिया जन्म
First operation of caesarean delivery was successful in Pangi, 22 year old woman gave birth to a baby girl

डॉक्टर विशाल का कहना है कि अगर महिला को कुल्लू रेफर कर दिया जाता तो दोनों की मौत हो सकती थी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जब उन्होंने आईजीएमसी में अपने गायनी विशेषज्ञ से बात की तो उन्होंने महिला को पांगी से बाहर रेफर करने की बात कही। लेकिन पांगी से कुल्लू आठ घंटे का समय लगने से कारण डॉक्टर विशाल व उनकी टीम ने महिला का पांगी में ही नॉर्मल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। शनिवार दोपहर दो बजे तक चल इस सफल ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में बच्चा उल्टा हो गया था। और डॉक्टरों की टीम ने इस सफल ऑपरेशन बनाया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पांगी घाटी में सुविधा न होने के बावजूद भी डॉक्टरों द्वारा सिजेरियन प्रसव का पहला ऑपरेशन किया हुआ है। चिकित्सकों की ओर से किए इस पुनीत कार्य की खूब सराहना की जा रही है। ऐसे समय में चिकित्सकों ने बहादुरी का परिचय देकर मिसाल पेश की है। महिला का सफल प्रसव किया गया है। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
डॉ विशाल ने बताया कि सिजेरियन प्रसव ऑपरेशन का पांगी में नॉर्मल प्रसव हुआ है। उन्होंने बताया कि महिला द्वारा फरवरी के बाद अपना स्वास्थ्य जांच नहीं करवाया गया था। जिसके बाद बच्चा पेट में ही उल्टा हो गया था। साथ ही बच्चे की टांग एक बाहर था। जिस कारण बच्चे यह मां को ही बचाया जा सकता था। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में सेवाएं दे रहे अन्य डॉक्टर व स्टाफ नर्स के सहयोग से इस नॉर्मल प्रसव ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है। चिकित्सकों ने महिला व उसके बच्चे को नई जिंदगी दी है। चिकित्सकों सहित प्रसव के दौरान मौजूद अन्य टीम ने भी काफी सराहनीय कार्य किया है इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र हैं।
वहीं सिविल अस्पताल किलाड़ में तैनात डॉ मुनीष ने बताया कि सिविल अस्पताल किलाड़ में गर्भवती महिला को प्रसव के लिए भर्ती किया गया था। उन्होंने बताया कि पांगी अस्पताल में सुविधा न होने के बावजूद भी डॉक्टरों द्वारा सफल नॉर्मल आॅपरेशन किया हुआ है। बच्चे और मां को एक नई जिंदगी दी हुई है।
मौत के मुंह से वापिस लाई दो जिंदगियां,
पांगी सिविल अस्पताल में हाल में जोईनिंग की डॉक्टर विशाल व उनकी टीम ने एक मां और उसके बच्चे को मौत के मुंह से वापिस लाया हुआ है। पांगी घाटी में स्वास्थ की सुविधाएं न होने के कारण जिस आॅपरेशन को करवाने के लिए बाहर का रूख करना पड़ता है। लेकिन अब पांगी में ही हो रहे है। घाटी में पहली बार सिजेरियन प्रसव ऑपरेशन नॉर्मल प्रसव करवाया गया है।
हालांकि मशीनरी न होने के कारण भी डॉक्टरों द्वारा सफल नॉर्मल प्रसव किए जा रहे है। इससे पहले भी पांगी में रहे अन्य डॉक्टरों ने कई ऑपरेशन को अंजाम दिया हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महिला को कुल्लू य चंबा रेफर किया जाता तो, दोनों की मौत हो सकती थी। लेकिन डॉक्टरों ने महिला की हालत को देखते हुए पांगी में ही ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।