PM Garib Kalyan Aaya Yojana || राशन कार्ड वालों की लगी लॉटरी! गरीबों को 5 साल और मिलेगा मुफ्त में राशन, 80 करोड़ लोगों को होगा फायदा
न्यूज हाइलाइट्स
PM Garib Kalyan Aaya Yojana || केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी के दौरान देश के उन तमाम गरीब लोगों के लिए एक कल्याणकारी योजना चलाई हुई थी जिसे अब अगले पांच वर्षों तक केंद्र सरकार की ओर से बड़ा दिया गया है। इसको लेकर केंद्र की कैबिनेट बैठक में हरी झंडी दिखा दी गई है इस पर केंद्र सरकार की ओर से तकरीबन 81 पॉइंट 35 करोड़ लाभार्थियों को निशुल्क राशन उपलब्ध करवाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस योजना का नाम है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण आने योजना इस योजना के तहत अब अगले 5 वर्षों तक देश के उन तमाम लाभार्थी गरीबों को राशन मिलता रहेगा। केंद्र के मंत्रिमंडल बैठक में हुए इस फैसले के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को 1 जनवरी 2024 से लेकर अगले 5 वर्षों तक बढ़ा दिया गया है इसमें केंद्र सरकार की ओर से 11 पॉइंट 8 करोड़ का खर्च किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण और योजना के तहत 2020 में कोरोना जैसी महामारी के दौरान देश के उन तमाम गरीब लोगों को बड़ी राहत दी हुई है इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर गरीबों को निशुल्क राशन महिया करवाया जाता है आज की जानकारी के लिए बता दे की कोरोना जैसी महामारी के दौरान उन गरीबों के लिए यह योजना कल्याणकारी साबित हुई है अब इसे देखते हुए केंद्र के मोदी सरकार ने इसे अगले 5 वर्षों तक बढ़ा दिया गया है यदि आपने भी इस योजना का लाभ नहीं लिया है तो बने रहिए हमारे इस कंटेंट के आखिर तक आज हम आपको इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्त अनाज योजना को पांच वर्ष के लिए बढ़ाने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। उचित मूल्य की दुकानों पर वितरण मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि पीएमजीकेएवाई निशुल्क खाद्यान्न (चावल, गेंहू, मोटा अनाज) खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाएगा और निर्धन और निर्बल वर्गों की वित्तीय कठिनाई में कमी लाएगा। पांच लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानों के जरिए खाद्यान्न वितरण होगा। सरकार के अनुसार, लाभार्थियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए और लक्षित आबादी के लिए खाद्यान्न की पहुंच को सुदृढ़ बनाने और राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
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