Raksha Bandhan 2023: ऐसा कैसे हुआ कि 13 साल लता ने बात नहीं की दिलीप कुमार से, फिर बांध दी राखी!

Raksha Bandhan: लता मंगेशकर और दिलीप कुमार आज नहीं रहे, लेकिन हिंदी सिनेमा का इतिहास उनके नाम और काम के बिना कभी नहीं लिखा जा सकेगा। बड़े भाई और छोटी बहन के बीच प्यार था। लता मंगेशेकर दिलीप कुमार को राखी बांधती थीं। लेकिन व्यवसाय में आने के बाद अक्सर नहीं। बल्कि उन्होंने दिलीप कुमार […]

Raksha Bandhan 2023: ऐसा कैसे हुआ कि 13 साल लता ने बात नहीं की दिलीप कुमार से, फिर बांध दी राखी!

Raksha Bandhan: लता मंगेशकर और दिलीप कुमार आज नहीं रहे, लेकिन हिंदी सिनेमा का इतिहास उनके नाम और काम के बिना कभी नहीं लिखा जा सकेगा। बड़े भाई और छोटी बहन के बीच प्यार था। लता मंगेशेकर दिलीप कुमार को राखी बांधती थीं। लेकिन व्यवसाय में आने के बाद अक्सर नहीं। बल्कि उन्होंने दिलीप कुमार को एक बार इतना बुरा मान लिया था कि 13 साल तक अभिनय सम्राट से बात नहीं की। लेकिन बाद में, जब दोनों के गिले-शिकेव दूर हो गए, तो लता ने उन्हें राखी बांधने लगी, जिससे वे आखिरी वक्त तक भाई-बहन के रूप में रहे।

Raksha Bandhan Lata Mangeshkar Dilip Kumar Hindu-Muslim Super Story
लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में दिलीप कुमार से नाराज होने के बारे में खुद कहा कि वह संगीतकार अनिल विश्वास और दिलीप कुमार के साथ एक दिन मुंबई की ट्रेन में थीं। तब परिचय भी गलत था। दिलीप कुमार को लता से परिचय कराते हुए अनिल विश्वास ने कहा कि यह लड़की बहुत अच्छी गाती है। तब दिलीप कुमार ने नाम पूछा और कहा कि नाम मराठी है। जब अनिल विश्वास ने स्वीकार किया दिलीप कुमार ने इस पर कहा कि मराठी लोगों की उर्दू दाल-चावल की तरह है। उनका अर्थ था कि वे सही उच्चारण नहीं कर सकते हैं। लता मंगेशकर को यह बुरा लगा।

Raksha Bandhan 2023: ऐसा कैसे हुआ कि 13 साल लता ने बात नहीं की दिलीप कुमार से, फिर बांध दी राखी!

वास्तव में, दोनों ने ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म मुसाफिर में लागी नाही छूटे नामक एक गाना साथ गाया था। लता ने गाना रिकॉर्ड किया और शानदार ढंग से गाया। दिलीप कुमार उनके सामने घबरा गए। लेकिन दिलीप कुमार की टिप्पणी से नाराज लता मंगेशकर ने 13 वर्ष की उम्र में भी उनसे बात नहीं की।

https://www.instagram.com/p/CRA_BnJHErk/?utm_source=ig_web_button_share_sheet

यह भी पढ़ें ||  Hardik Pandya Comment On Natasa : तलाक के बाद नताशा स्टेनकोविक का पहला पोस्ट, हार्दिक पांड्या ने दिया रिएक्शन

बाद में प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह ने अगस्त 1970 में अपने संपादन में निकलने वाली पत्रिका द इलस्ट्रेडेट विकली ऑफ इंडिया में स्वतंत्रता दिवस विशेषांक में दोनों हस्तियों को एक साथ लाने का विचार किया। लता मंगेशकर को दिलीप कुमार के घर लाने का काम वरिष्ठ पत्रकार राजू भारतन को सौंप दिया गया। खुशवंत सिंह ने विचार दिया कि दिलीप कुमार को लता मंगेशकर की राखी बांधी जाएगी और चित्र को पत्रिका के कवर पर लगाया जाएगा। हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई शीर्षक से खुशवंत सिंह ने इस तस्वीर को छापा और पत्रिका का वह अंक देखते-देखते लोगों ने खरीद लिया। दिलीप कुमार और लता मंगेशकर के साथ यह पहला अवसर था। किंतु तस्वीर सिर्फ प्रदर्शन की नहीं रही थी। दोनों ने भाई-बहन की तरह एक-दूसरे को स्वीकार किया और पूरी जिंदगी के लिए एक रिश्ते में बंध गए।

यह भी पढ़ें ||  Bollywood Films ll बॉलीवुड की वो झकझोर कर रख देने वाली फिल्में, जिन पर लगा था बैन! OTT पर देख सकते हैं आप