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Success Story: आईएएस बनने के जुनून में 30 लाख की नौकरी को कहा अलविदा, पहले ही प्रयास में पास की परीक्षा
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Success Story: आईएएस बनने के जुनून में 30 लाख की नौकरी को कहा अलविदा, पहले ही प्रयास में पास की परीक्षा

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न्यूज हाइलाइट्स

Success Story:  अभिनव सिवाच एक ऐसे आईएएस ऑफिसर है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर यूपीएससी की परीक्षा पास कर सफलता हासिल की हुई है आज हम आपको इस इस के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें आपको इनकी प्रेरणादायक यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने न केवल डीएमआईएस परीक्षा में सुरवीय हासिल की बल्कि यूपीएससी की परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल भी की हुई है। डीएमआईएस परीक्षा पास कर वह दिल्ली में एसडीएम के पद पर कार्य कर चुके हैं इससे पहले आपको बता दें कि वह हरियाणा के नाइट तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे। वही आपको बता दें कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में 30 लख रुपए की पैकेज वाली नौकरी भी छोड़ दी हुई है।

30 लाख की नौकरी छोड़ पहले बने नायब तहसीलदार

अभिनव सिवाच (Abhinav Sivach) ने बताया कि उन्होंने दिल्ली (Delhi) से बीटेक (B.Tech) करने के बाद आईआईएम कोलकाता (IIM Kolkata) से एमबीए (MBA) भी किया. इसके बाद प्लेसमेंट (Placement) से उन्हें एक निजी कंपनी में लगभग तीस लाख के सैलरी पैकेज (Salary Package) पर नौकरी (Job) भी मिल गई. लेकिन उनका सिविल सर्विस (Civil Services) के प्रति उनका मोह कम नहीं हो सका. इसके चलते उन्होंने अच्छी लाखों के पैकेज (Package) वाली नौकरी छोड़कर एचपीएससी (HPSC) क्लियर किया और नायब तहसीलदार (Naib Tehsildar) के पद पर तैनाती (Posting) मिली. इस दौरान वो टोहाना (Tohana) में लगभग छह माह तक नायब तहसीलदार के पद पर रहने के बाद दिल्ली सिविल सर्विस (Delhi Civil Services) की परीक्षा पास करके दिल्ली में एसडीएम (SDM) बने. इस दौरान वो साउथ दिल्ली (South Delhi) के एसडीएम भी रहे.

एसडीएम की नौकरी के साथ रोजाना सात-आठ घंटे की पढ़ाई

अभिनव सिवाच (Abhinav Sivach) ने एक इंटरव्यू (Interview) में बताया कि उन्होंने नौकरी (Job) के साथ-साथ आईएएस (IAS) की तैयारी (Preparation) की है. क्योंकि उनका शुरू से ही सपना आईएएस (IAS) बनने का था. हालांकि दिल्ली में एसडीएम (SDM) का पद भी काफी अच्छी पोजिशन (Position) है. लेकिन मैंने अपने सपने को मरने नहीं दिया. नौकरी (Job) के साथ लगभग सात से आठ घंटे की पढ़ाई (Study) लगातार की. इसके अलावा सोशल मीडिया (Social Media) से बिल्कुल दूरी बनाए रखी ताकि फोकस (Focus) ना टूटे. आईएएस (IAS) बनने के बाद सोसाइटी (Society) की सेवा (Service) करना ही मुख्य लक्ष्य (Main Goal) है. मेरे पास अच्छा पद (Position) होगा तो मैं इसका उपयोग आम आदमी (Common People) की भलाई (Welfare) के लिए इस्तेमाल करूंगा.

परिवार में हैं कई अधिकारी

अभिनव के पिता सतबीर सिवाच (Satbir Sivach) एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिशनर (Excise and Taxation Commissioner) हैं और उनके चाचा ललित सिवाच (Lalit Sivach) आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) हैं. इनका परिवार हिसार (Hisar) में रह रहा है.

सेल्फ स्टडी से क्रैक किया यूपीएससी

आईएएस (IAS) अभिनव सिवाच (Abhinav Sivach) की सफलता की कहानी एक प्रेरणा (Inspiration) है, जो यह साबित करती है कि सही दिशा (Right Direction), समर्पण (Dedication) और मेहनत (Hard Work) से किसी भी लक्ष्य (Goal) को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय (Credit) सेल्फ-स्टडी (Self-Study) को दिया और बताया कि उन्होंने किसी भी कोचिंग (Coaching) का सहारा नहीं लिया. घर पर ही 5 से 6 घंटे की नियमित पढ़ाई (Regular Study) से उन्होंने यूपीएससी (UPSC) परीक्षा (Exam) को पास किया. अभिनव ने अपनी सफलता के बारे में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास (Confidence) था कि उनका चयन (Selection) होगा और जब उनकी ऑल इंडिया 12वीं रैंक (All India 12th Rank) आई, तो वह अपने प्रदर्शन (Performance) से खुश थे.

युवाओं को दी टिप्स

यूपीएससी (UPSC) की तैयारी (Preparation) कर रहे युवाओं (Youth) को अपनी यात्रा (Journey) से टिप्स (Tips) देते हुए अभिनव ने कहा कि सफलता (Success) की कुंजी (Key) बेसिक्स (Basics) को सही से समझने में छिपी होती है. उन्होंने छात्रों (Students) को सलाह (Advice) दी कि वे मेहनत से पढ़ाई (Study) करें और जो कुछ भी पढ़ें उसका अच्छे से रिवीजन (Revision) करें, ताकि सफलता (Success) मिल सके. उनके इस मार्गदर्शन (Guidance) से लाखों छात्र (Students) प्रेरित हो सकते हैं, जो अपने लक्ष्य (Goal) को हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं.