बड़ी उपलिब्ध: हिमाचल की बेटी का देश में बजा डंका! जेआरएफ में ऑल इंडिया लेवल पर पाया 101वां रैंक

Himachal Pradesh Hamirpur News: हमीरपुर के छोटे से गांव गोइस की बेटी कंचन जरयाल ने राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक, सीएसआईआर यूजीसी नेट-जेआरएफ (CSIR UGC NET JRF), में 101वां अखिल भारतीय रैंक हासिल कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है।

Himachal Pradesh Hamirpur News:  हमीरपुर: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की बेटी ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। हमीरपुर जिले के गलोड़ क्षेत्र स्थित एक छोटे से गांव गोइस की बेटी कंचन जरयाल ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे जिले का नाम राष्ट्रीय पटल पर चमका दिया है। कंचन ने देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली सीएसआईआर यूजीसी नेट-जेआरएफ परीक्षा में 101वां अखिल भारतीय रैंक (All India Rank) हासिल किया है। कंचन का शिक्षा का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई टीआर डीएवी पब्लिक स्कूल कांगू से हुई, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा की नींव रखी। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद विज्ञान के क्षेत्र में अपनी गहरी रुचि को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने चंडीगढ़ का रुख किया। वहां उन्होंने चंडीगढ़ के कॉलेजों से उच्च शिक्षा प्राप्त की। कंचन ने अपनी बीएससी की डिग्री पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर 42 से और एमएससी की पढ़ाई जीजीडीएसडी कॉलेज सेक्टर 32 से सफलतापूर्वक पूरी की। अपनी पढ़ाई के दौरान वह हमेशा एक मेधावी छात्रा रहीं।

परिवार का मिला पूरा साथ, दादा का सपना किया पूरा

कंचन की इस शानदार सफलता के पीछे उनके परिवार का एक बड़ा और मजबूत स्तंभ रहा है। उनके पिता श्री कृष्ण जरयाल दुबई में नौकरी करने के बाद अब हमीरपुर में ही अपना व्यवसाय चलाते हैं। जबकि उनकी माता श्रीमती रेणु एक गृहिणी हैं। उनके छोटे भाई अनीश जरयाल भी चंडीगढ़ में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। कंचन ने बताया कि यह उपलब्धि उनके दादा स्वर्गीय श्री प्रकाश चंद जरयाल और दादी श्रीमती सरस्वती देवी का सपना था, जिसे आज उन्होंने पूरा कर दिखाया है। अपनी इस कामयाबी का श्रेय वह अपने माता-पिता के आशीर्वाद और अपने शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन को देती हैं। कंचन जरयाल की यह सफलता सिर्फ एक परीक्षा पास करना नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि अगर लगन और मेहनत सच्ची हो, तो छोटे से गांव से निकलकर भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई जा सकती है। उनकी यह उपलब्धि अब हमीरpur जिले और पूरे हिमाचल प्रदेश के युवाओं को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी।