NEET Exam 2024 Result || नीट एग्जाम के रिजल्ट पर हंगामा क्यों है बरपा? एक साथ 67 टॉपर से उठे सवाल, CBI जांच की मांग
न्यूज हाइलाइट्स
NEET Exam 2024 Result || डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक नीट का परिणाम भी उसी दिन आया, जिस दिन देश की सरकार बनाने के लिए आवश्यक लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)का परिणाम आया। लेकिन अब यह परिणाम बहस का विषय बन गया है और इस पर बहस हो रही है। NEET Exam 2024 Result पर विवाद: NEET UG, यानी नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रैजुएट, (National Eligibility Entrance Test Undergraduate,)देश भर के कई मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले परीक्षणों के नतीजों से हर कोई हैरान है। नतीजे सामने आते ही उनके बारे में प्रश्न उठने लगे हैं। NEET की रैंकिंग और विद्यार्थियों को मिले अंकों पर सबसे अधिक प्रश्न उठ रहे हैं। असल में, NEET UG 2024 की परीक्षा में 67 छात्रों की ऑल इंडिया रैंक वन है, न कि एक, दो या तीन। Yanni 67 विद्यार्थियों ने 720 में से 720 अंक पाए हैं।
नीट के परिणामों पर उठ रहे प्रश्न
इसे समझिए कि इस बार इतने सारे विद्यार्थियों की रैंकिंग वन (student ranking one) है, जिससे उनमें से कई को देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज, एम्स, दिल्ली (Best Medical College, AIIMS, Delhi) में दाखिला मिलना मुश्किल हो सकता है। यही कारण है कि NEET का परिणाम सामने आते ही बहस शुरू हो गई। 4 जून को परीक्षा जारी करने पर भी कई अभिभावक और विद्यार्थी (parents and students) चिंतित हैं। उनका दावा है कि चुनाव नतीजों के पीछे गड़बड़ियों को छिपाने का प्रयास किया गया था। NTA ने बताया कि NEET UG 2024 की परीक्षा में 23 छात्रों ने 720 में 720 मार्क्स पाए हैं, लेकिन फ़िज़िक्स (Physics) के एक प्रश्न पर गलत उत्तर देने वाले कई छात्रों को भी मार्क्स दिए गए, जिससे 44 और नाम 720 मार्क्स पाने वालों की लिस्ट में आ गए।
विद्यार्थियों ने ग्रेस मार्क्स को अद्भुत रूप से समझा
अब गलत जवाब का पूरा कारण बताओ। NEET UG 2024 के फ़िज़िक्स (Physics) पेपर में एक प्रश्न के दो जवाब सही थे। NTA ने इस विषय पर बहस होने पर दोनों प्रश्नोत्तर देने वाले छात्रों को पूरा मार्क्स देने का ऐलान किया। लेकिन बहस सिर्फ गलत उत्तरों पर नहीं है, बल्कि छात्रों के प्राप्त अंकों पर भी है। NEET UG परीक्षा में कई विद्यार्थियों ने 719 या 718 अंक हासिल किए हैं। NEET परीक्षा में गलत उत्तर देने पर नेगेटिव मार्किंग (negative marking)के तहत एक अंक काट लिया जाता है, जबकि सही उत्तर देने पर चार अंक मिलते हैं। ऐसे में, एक विद्यार्थी को 720 में से 720 अंक मिलेंगे अगर वह सभी प्रश्नों के सही जवाब देता है। वहीं, एक छात्र को 716 अंक मिलेंगे अगर वह एक सवाल छोड़ देता है, जबकि 715 अंक मिलेंगे अगर वह गलत उत्तर देता है. इसका अर्थ है कि NEET की परीक्षा में किसी भी छात्र को 719 या 718 अंक नहीं मिल सकते।
719 और 718 अंक आखिर कैसे मिले?
अब सवाल उठता है कि 719 और 718 अंक आखिर किसे और कहां मिले। इस विवाद की जड़ में हरियाणा में NEET के एक परीक्षा सेंटर है, जहां के विद्यार्थियों के मार्क्स का एक वीडियो सोशल मीडिया (video social media) पर वायरल हो गया है। इस सेंटर पर परीक्षा देने वाले आठ में से छह विद्यार्थियों ने 720 में 720 मार्क्स प्राप्त किए हैं, जबकि अन्य दो विद्यार्थियों ने 719 और 718 मार्क्स प्राप्त किए हैं। नतीजतन, NTA की ग्रेस मार्क्स (grace marks) वाली थ्योरी पर बहुत से विद्यार्थी सवाल उठाते हैं।NTA ने ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर कहा कि कई परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को प्रश्नपत्र देरी से दिए गए थे। उस देरी के बदले में, उन सेंटर्स पर परीक्षा देने वाले छात्रों को नियमों के अनुसार ग्रेस मार्क्स (grace marks) दिए गए, जिसके परिणामस्वरूप बहुत से छात्रों ने 719 और 718 मार्क्स हासिल किए हैं।
NTA की व्याख्या से पैरंट्स संतुष्ट नहीं हैं
13 जून 2018 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले की आलोचना करते हुए, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NEET) ने सोशल मीडिया पर नॉर्मलाइज़ेशन फॉर्मूला (normalization formula) का हवाला देते हुए कहा कि परीक्षा में देरी की वजह से छात्रों को ग्रेस मार्क्स (grace marks)दिए जा सकते हैं। लेकिन विद्यार्थी और उनके अभिभावक NTA की इस दलील से असहमत हैं. वे कहते हैं कि अगर ग्रेस मार्क्स (grace marks)से संबंधित कोई नियम बनाया गया होता, तो यह NEET के प्रॉसपेक्टस में उल्लेखित होना चाहिए था। बहादुरगढ़, हरियाणा के हरदयाल पब्लिक स्कूल (Hardayal Public School of Bahadurgarh, Haryana)में यह दुर्घटना हुई। परीक्षा के दिन, बच्चों को हरदयाल पब्लिक स्कूल(Hardayal Public School of Bahadurgarh, Haryana) में दो प्रश्नपत्र दिए गए और 30 मिनट बाद एक वापस लिया गया। परीक्षा देने वाले बच्चों ने सवाल उठाया कि ये नकली प्रश्नपत्र क्यों दिए गए, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अब परीक्षा के बाद भी इतने सारे टॉपर को बाहर निकालना और उनके ही बच्चों को ग्रेस के विवादित नंबर देना सवाल पैदा करता है।
सीबीआई की जांच की बढ़ती मांग
नीट की परीक्षा देने वाले बच्चों ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि 670 अंक मिलने के बाद भी 20 हजार से अधिक अंक मिलेंगे। इससे स्पष्ट होता है कि पत्र लीक हुआ है और ग्रेस मार्क्स के भविष्य को खतरा है। नतीजतन, NEET की परीक्षा NTA को फिर से लेनी चाहिए। नीट की परीक्षा लीक होने की आशंका, साथ ही एक ही सेंटर में आठ बच्चों के नीटों पर लगातार पैरेंट्स की चिंता भी है। पैरेंट्स भी NEET लीक की CBI जांच चाहते हैं। इसके अलावा, इसके पीछे के अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं, इस परीक्षा को फिर से कराया जाएगा ताकि सही अभ्यर्थी डॉक्टर बन सकें।
दिल्ली एम्स में पढ़ने का सपना पूरा नहीं हुआ
नीट परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद छात्रों ने NTA पर भरोसा खो दिया है। बहुत से विद्यार्थी नीट यूजी 2024 के रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं। 650 से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी 30 हजार के पार चले गए हैं। 715 अंक मिलने वाले व्यक्ति का भी दिल्ली एम्स में पढ़ने का सपना टूट गया है। नीट का परिणाम कई प्रश्न पैदा करता है। एक कोचिंग एकेडमी में एकेडमिक हेड आशुतोष झा ने कहा कि छात्रों को इस बार 720 में 720 अंक मिले हैं, जो उन्हें संशय में डाल रहा है। NTA की परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों को पता था कि एक प्रश्न का हल नहीं करने पर चार मार्क्स माइनस होते हैं और गलत उत्तर देने पर पांच मार्क्स कटते हैं, इसलिए विद्यार्थियों को NTA के परिणाम में 716 से 718 मार्क्स कैसे मिले?
सवाल उठाते हुए आशुतोष ने कहा कि NTA ने ग्रेस मार्क्स की बात कह रही है, लेकिन रिजल्ट से पहले नहीं बताया। रिजल्ट पेपर में आशुतोष बताया गया है कि एक ही सेंटर के एक छात्र को समान मार्क्स कैसे मिले। इतना ही नहीं, पटना पुलिस ने नीट पेपर लीक का खुलासा करने पर भी उसने सत्य को मानने से इनकार कर दिया। जबकि पटना पुलिस ने लीक पेपर भी बरामद किया, जिसे Zee News ने भी दिखाया, NTA बेईमानी पर उतर गया।नीट परीक्षा में शामिल छात्रों का कहना है कि नीट ने धोखाधड़ी की है, और 600 से अधिक मार्क्स मिलने के बाद भी छात्रों को मेडिकल कालेज नहीं मिल रहा है। इसके पीछे बेईमानी नीट है। दूसरा विद्यार्थी बताता है कि 4 जून को चुनाव की काउंटिंग के दिन रिजल्ट सिर्फ इसलिए निकाला गया था कि NTA की बेईमानी किसी को पता नहीं चली।
पेपर लीक पर आक्रोश जताते हुए घनश्याम तिवारी, एक पैरंट, ने कहा कि देश में लाखों परिवार हैं जिनके बच्चे इस परीक्षा में शामिल होते हैं। परिवार चाहता है कि उनका बच्चा एक चिकित्सक बन जाए। लेकिन ऐसी अनियमितता दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए सरकार या भविष्य की सरकार सामने आनी चाहिए। यह लाखो बच्चों का भविष्य बर्बाद करता है और बच्चों को गलत रास्ता चुनता है। इसलिए सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।