Five Habits of Children || कम बुद्धि वाले बच्चों में होती हैं ये 5 आदतें, ऐसे पहचानें आपका बच्चा तेज है या नहीं

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सारांश:

Five Habits of Children ||  मां-बाप (every parents) चाहता है कि उसका बच्चा तेज तर्रार होने के साथ-साथ पढ़ाई में भी अब्बल (intelligent)nहो और पढ़ाई करके क्लास में भी अच्छे मार्क्स (marks) लेकर आए। लेकिन आप अपने बच्चों का आकलन कैसे कर सकते हैं क्या बच्चों को आकलन (asses ) करने का कोई आधार हैं। कैसे बच्चों का आकलन किया जाए। इस आर्टिकल (article) में हम कुछ एक बात है आपके साथ साझा कर रहे हैं हो सकता है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप भी अपने बच्चों के टैलेंट (talant) के बारे में जान पाए। 

मानसिक सेहत (Mental Health) की समस्याएं केवल बड़ों के साथ ही नही बल्कि बच्चो के साथ भी होती हैं। भारत में लगभग 12% बच्चों में मानसिक स्थिति समस्याएं देखने को मिलती हैं और इससे भी ज्यादा भयानक बात यह है कि 95% बच्चे सामाजिक डर के कारण इस बारे में किसी से बात नही करते है या मदद नही मांगते हैं। यही समस्याएं आगे जाकर फिर चिंता या डिप्रेशन (Depression) में बदल जाते हैं। यदि आपको भी लगता है की आपके बच्चों के साथ यह समस्या हो सकती है तो आपको अपने बच्चों में निम्न लक्षण देखने चाहिए।

कई बच्चे पढ़ने लिखने (reading writing) के साथ जीवन जीने के तरीकों में भी माहिर होते हैं। वहीं कई कम बुद्धि वाले भी बच्चे होते हैं जो ठीक से न तो समस्याओं (problems ) को सुलझा पाते हैं और न ही पढ़ाई लिखाई में अच्छे होते हैं। बच्चों की बुद्धिमत्ता (intelligency) का लेवल उनके बिहेवियर, सीखने की क्षमता और हर दिन की जिंदगी में उनके फैसलों  (decision) पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। कम बुद्धिमत्ता वाले बच्चे अक्सर कुछ अलग आदतों और बिहेवियर (behaviour) को दिखाते हैं जो उनके एजुकेशनल और सोशल ग्रोथ में चुनौतियों (challenges)  का इशारा दे सकते हैं। हालांकि, माता पिता के लोए यह जरूरी है कि ऐसे बच्चों को लेबल करने से बचें और उन्हें सपोर्ट दें ताकि वे अपनी फुल कैपेसिटी तक पहुंच सकें।

बुद्धिमता वाले बच्चों में होती हैं ये आदतें || Five Habits of Children || 

बहुत धीरे सीखना: कम बुद्धिमत्ता वाले बच्चे अक्सर सीखने में थोड़े (slow) धीमे होते हैं।उन्हें नई जानकारी को समझने (understand) और याद रखने में ज्यादा समय लग सकता है। बात करने में कठिनाई: ऐसे बच्चे विचारों को व्यक्त (express there thought) करने और बातचीत करने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं। अपनी बात को खुलकर किसी के सामने नही रख पाते। उनकी शब्दावली भी लिमिटेड (limited) हो सकती है और उनमें अक्सर आपसी संवाद क्लियरिटी (clarity) की कमी दिखाई देती है।

सोशल इंटिमेसी: कम बुद्धिमत्ता वाले बच्चे अक्सर सामाजिक  (Socially) में होने वाली चीजों के संकेतों को पढ़ने और समझने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।इससे उनके सामाजिक अंतरंगता और दोस्ती बनाने में चुनौतियां (challenges) आ सकती हैं। ध्यान देने में कठिनाई: कम बुद्धिमत्ता वाले बच्चों को ध्यान केंद्रित  (concentration) करने और ध्यान बनाए रखने में  कठिनाई हो सकती है। वे अक्सर आसानी से विचलित हो जाते हैं, 

यह अति महत्वपूर्ण है कि परिवार (family ) और शिक्षक  (teachers) इन बच्चों की तरफ ध्यान दें जिससे उनकी सीखने की लिए एक सपोर्ट सिस्टम (support system) के रूप में काम करे।  उन्हें एजुकेशन सपोर्ट, धैर्य और समझ की जरूरत होती है। इंडिविजुअल लर्निंग प्लान्स, थेरेपी सेशन और सोशल स्किल ट्रेनिंग (social skill training) उनकी ग्रोथ में बड़ा योगदान (contributors) दे सकते हैं।