Pangi Jukaru Festival 2024 || लाहौल स्पीति के तिंदी से रथयात्रा लेकर पांगी पहुंचे माता के कारदार, शौर गांव में मनाया अठालू मेला

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Pangi Jukaru Festival 2024 ||  जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी के लोग जहां अपनी संस्कृति वह पहनावे के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। वही यहां के लोगों की मान्यताएं वह अपने लोगों के बीच का भाईचारे का प्रतीक जुकारू उत्सव इन दोनों पांगी घाटी में मनाया जा रहा है। पांगी घाटी के इस 12 दिवसीय जुकारू उत्सव के आठवें दिन आज ग्राम पंचायत शौर में कुल देवता बमुवा नाग के नाम पर अठालू मेल मनाया गया। इस मेले के दिन शोर पंचायत की प्रजामंडल के हर घर का मुख्या सुबह स्नान करके खुद अपने कुल देवता के लिए ट्रायंगल की तरह एक आटे की आकृति तैयार करता है ।

जिसे स्थानीय भाषा में वीर कहा जाता है, और उसे कुलदेवता को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। इसके बाद कुल देवता के कारीदार के साथ पूरा प्रजामंडल गांव के पुजारी के घर की छत पर अठालू मेले का आयोजन करता है। इस मेले की खास बात यह है कि तकरीबन 17 किलोमीटर दूर से लाहौल स्पीति के तिंदी गांव से रथ यात्रा लेकर वहां के कारीदार शोर गांव पहुंचते हैं जिनका ढोल-नगाढ़ो के साथ कुल देवता के पहड़वा से स्वागत किया जाता है। यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है।

लाहौल स्पीति के तिंदी गांव से आए इस रथ यात्रा का भव्य स्वागत स्थानीय लोगों द्वारा किया जाता है । पुजारी के घर की छत पर इस मेले का आयोजन किया जाता है यह रथ यात्रा अगले 5 दिनों तक पांगी घाटी में ही रहेगा और विभिन्न गांव में आयोजित होने वाले मेलों में हिस्सा लेगा। इस रथ यात्रा में आए मुख्य पुजारी समेत कई करीदार अब अगले 5 दिनों तक शोर, पुर्थी , थांदल व रेई में आयोजित होने वाले मेलों में हिस्सा लेंगे।

बमुआ नाग के पुजारी देवराज शर्मा 

बमुआ नाग देवता के मुख्य पुजारी देवराज शर्मा ने बताया कि पांगी के जुकारू उत्सव के आठवें दिन शौर गांव में आठलू मेले के रूप में मनाया जाता है। इस मेले में तिंदी गांव में रथयात्रा आती है। जिसका भव्य स्वागत किया जाता है।  पंचायत प्रधाान दमियंती भारद्वाज ने सभी गांव वासियों को पांच दिनो तक चलने वाले मेलों की हार्दिक शुभकामनाएं दी हुई है।  

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