Parliament Winter Session || संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा सांसद प्रोफेसर डॉ. सिकंदर कुमार ने उठाई पांगी की आवाज
न्यूज हाइलाइट्स
Parliament Winter Session || धर्मशाला : दिल्ली संसद के शीतकालीन सत्र का छह दिसंबर को तीसरा दिन है। आज राज्यसभा में देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चर्चा हुई। इसी बीच जब चर्चा में शामिल हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर डाक्टर सिकंदर कुमार ने विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के दुर्गम क्षेत्र पांगी घाटी की आवाज उठाई हुई है। राज्यसभा सांसद प्रोफेसर डॉक्टर सिकंदर कुमार ने पांगी घाटी की हालत व परिस्थितियों को देखते हुए शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे को रखा गया। जिस पर विचार विमर्श किया गया है। डॉक्टर सिकंदर कुमार ने घाटी की चरमराई बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ हा करने को लेकर सवाल उठाया हुआ है।
राज्यसभा में विशेष उल्लेख के दौरान उन्होंने कहा की पांगी घाटी में तकरीबन 25 से 30000 की आबादी आज भी आजादी के 75 साल बाद भी बिजली की समस्या से जूझ रही है। पांगी में तकरीबन चार मेगावाट बिजली की क्षमता है लेकिन मौजूदा में घाटी में इतनी बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जिस कारण क्षेत्र के लोगों को काफी समस्याएं आ रही है। साथ ही उन्होंने साच पास से 8 साल पहले 33 केवी लाइन बिछाए जाने का मुद्दा भी उठाया था उन्होंने कहा कि 8 साल पहले साच पास मार्ग से होकर 33 केवी लाइन बिछाई जा रही थी लेकिन अभी तक को कार्य अधूरा हुआ है उसे पर भी कोई कार्य नहीं किया गया है । लोगों की इस समस्या को उठाते हुए कहा कि पांगी में मौजूदा समय में चंद्रभागा जैसी नदी समेत के ही नालों पर पावर हाउस बनाया जा सकता है।
पंगवाल समुदाय ने किया धन्यवाद
लगातार राज्यसभा सांसद प्रोफेसर डॉक्टर सिकंदर कुमार द्वारा पांगी घाटी की समस्याओं को उठाने पर पंगवाल समुदाय ने उनका धन्यवाद किया हुआ है। घाटी के लोगों का कहना है कि राज्यसभा सांसद द्वारा दो बार घाटी की समस्याओं को उठाया गया है जिसमें पहले उठाई गई समस्या को प्रदेश व केंद्र सरकार की ओर से प्राथमिकता दी गई है और कार्य जोरों से चला हुआ है।
पांगी घाटी की बिजली समस्या को राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार द्वारा मुद्दा उठाया गया। इससे पहले राज्यसभा सांसद द्वारा पांगी घाटी की सड़कों को सुदृढ़ करने का मुद्दा भी उठा चुके हैं जिसके बाद पांगी घाटी में सड़कों का कार्य प्राथमिकता दी गई थी। pic.twitter.com/hQMCqnsehF
— Patrika News Himachal (@HimacalNews) December 6, 2023
इससे पहले उठाया गया मुद्दा
हिमाचल प्रदेश की अनेक सड़कें पक्की और चौड़ी की गई हैं लेकिन सीमा सड़क संगठन द्वारा लाहौल घाटी और पांगी वैली को जोड़ने वाली 40 किलो मीटर लम्बी सड़क थ्रोट (लाहौल) और संसारी नाला (पांगी ) के बीच के सड़क पैच को सालों पहले सिंगल लेन बनाया गया था और इतने सालों के बाद इस सड़क को न तो पका किया गया है और न ही इसे चौड़ा किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में यातायात में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । साच दर्रे से गुजरते हुए पांगी घाटी को चम्बा से जोड़ने वाली सड़क को बनाये हुए लगभग 30 साल हो गए हैं और इस सड़क को न तो पका किया गया है और न ही इसे चौड़ा किया गया है। उन्होंने चम्बा और लाहौल से जोड़ने बाली सड़कों को पका और चौड़ा करने की मांग की।
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