साजिशकर्ताओं के मुंह पर तमाचा! विधायक हंसराज को मिली जमानत, रोते हुए नयालय परिसर से बाहर निकले

MLA Hansraj : हिमाचल प्रदेश के चुराह से विधायक हंसराज को पॉक्सो एक्ट मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद विधायक भावुक हो गए। समर्थकों का कहना है कि यह विधायक की छवि खराब करने के लिए एक महिला और विपक्षी दलों द्वारा रची गई गंदी राजनीति थी, जो अब बेनकाब हो गई है।

MLA Hansraj : चंबा:  हिमाचल की राजनीति में भूचाल लाने वाले चंबा के बहुचर्चित पॉक्सो मामले में चुराह विधायक हंसराज को बड़ी कानूनी जीत मिली है। तमाम साजिशों और आरोपों के बीच विशेष न्यायाधीश की अदालत ने हंसराज को नियमित जमानत दे दी है। गुरुवार को जैसे ही अदालत का फैसला आया, विधायक हंसराज अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए और न्यायालय परिसर से बाहर निकलते वक्त उनकी आंखों में आंसू छलक आए। यह आंसू उस दर्द के थे जो पिछले कुछ समय से एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उन्हें दिया जा रहा था। यह फैसला उनके राजनीतिक विरोधियों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, जो इस MLA Hansraj bail  का इंतजार कर रहे थे कि कब विधायक जेल जाएं।

इस पूरे मामले के पीछे की कहानी बेहद फिल्मी और साजिशों से भरी नजर आती है। जिस युवती ने विधायक पर इतने गंभीर आरोप लगाए हैं, उसका इतिहास खुद सवालों के घेरे में है। यह वही युवती है जिसने एक साल पहले भी विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था, लेकिन बाद में खुद सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपनी गलती मानी थी और विधायक से माफी मांगी थी। अब एक साल बाद ठीक 2025 में जब चुनावी सरगर्मियां तेज होने वाली हैं, उसी युवती का फिर से वही राग अलापना और false allegations on politician लगाना, साफ इशारा करता है कि वह किसी और के इशारों पर नाच रही है।

चुराह की जनता और स्थानीय लोगों का मानना है कि यह युवती महज एक मोहरा है। असली खिलाड़ी तो वो विपक्षी दल हैं जो हंसराज को चुनावी मैदान में हराने का दम नहीं रखते। हंसराज लगातार तीन बार से विधायक हैं और उन्होंने चुराह में विकास की गंगा बहा दी है। विरोधियों के पास हंसराज के काम का कोई तोड़ नहीं था, इसलिए उन्होंने एक महिला को ढाल बनाकर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की। यह पूरी तरह से एक political conspiracy नजर आती है, जिसका मकसद 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले हंसराज को रास्ते से हटाना था।

विधायक हंसराज के कार्यकाल की बात करें तो उन्होंने चुराह की तस्वीर बदल कर रख दी है। जिन गांवों में कभी पैदल चलना मुश्किल था, वहां आज पक्की सड़कें हैं। पिछले 15 सालों में चुराह का हर कोना सड़क सुविधा से जुड़ चुका है। विरोधियों को पता था कि विकास के नाम पर वे हंसराज का मुकाबला नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने ‘हनी ट्रैप’ जैसा घिनौना रास्ता चुना। लेकिन अदालत से मिली इस राहत ने साबित कर दिया है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। फिलहाल, Churah development की रफ्तार रोकने वालों को मुंह की खानी पड़ी है।

अदालत के इस फैसले से पहले बुधवार को पुलिस ने विधायक से महिला थाने में करीब ढाई घंटे तक कड़ी पूछताछ की थी। विधायक ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए कानून का सहारा लिया और पहले अग्रिम जमानत हासिल की थी। अब नियमित जमानत मिलने के बाद उनका पक्ष और मजबूत हो गया है। वहीं, बार-बार बयान बदलने वाली और माफी मांगकर फिर से आरोप लगाने वाली युवती की विश्वसनीयता पर अब जनता भी सवाल उठा रही है। यह मामला Himachal politics में अभी और गरमाने वाला है।