Ratan Tata || अमेरिका में अपमान का घूंट पीकर रह गए थे रतन टाटा,10 साल बाद लिया बदला, भारत छोड़ने को मजबूर हो गई कंपनी || Ratan Tata turns 86 years old today!

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Ratan Tata ||  भारत में आज प्रसिद्ध कारोबारी की बात की जाए तो रतन टाटा यानी टाटा समूह के अध्यक्ष का आज जन्मदिन है वैसे तो आपको बताने की रतन टाटा की तरह बिजनेसमैन हर कोई बनना चाहत लेकिन मकसद पूरा नहीं हो पता है आज भारत के प्रसिद्ध कारोबारी रतन टाटा का जन्मदिन है। भारत में उद्योग जगत में अपना नाम व गरीबों के मसीहा माने जाने वाले रतन टाटा 86 वर्ष के हो गए हैं आज हम आपको रतन टाटा के बारे में कुछ बेहद खास और उनके जीवन से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। रतन टाटा का कारोबार आज भारत के अलावा विदेशों में भी फैला हुआ है विदेश में रतन टाटा का नाम आज हर कोई जानता है।

रतन टाटा की जिंदगी सादगी और सरल स्वभाव से भरी हुई है और लाखों लोगों को प्रेरणा देती है रतन टाटा अपनी दयालु और शांत सरल स्वभाव के कारण ही हर किसी के दिल में राज करते हैं। रतन टाटा ने 1991 में टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया और कंपनी का कारोबार विश्वव्यापी बनाया। अमेरिकी कंपनी भी इसी तरह की कहानी से जुड़ी है, जहां रतन टाटा ने अपमान का बदला बिना बोलने के कैसे लिया जा सकता है। 90 के दशक में रतन टाटा कंपनी बढ़ी। टाटा मोटर्स ने उनके नेतृत्व में टाटा इंडिका कार बनाई। कार बन गई, लेकिन देश में कारों की बिक्री बहुत कम थी। रतन टाटा ने नहीं सोचा था कि इंडिका कार के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया ऐसी होगी। रतन टाटा ने घाटा बढ़ने पर पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का निर्णय लिया।

अपमान का घूंट पीकर रह गए थे टाटा || Ratan Tata ||

रतन टाटा ने फोर्ड मोटर्स (Ford Motors) को अपनी पैंजेकर कार डिवीजन को बेचने के लिए बातचीत शुरू की। इस समझौते के लिए रतन टाटा फोर्ड के अमेरिकी मुख्यालय पहुंचें। उस समय फोर्ड का अध्यक्ष बिल फोर्ड था। बातचीत के दौरान, रतन टाटा को बिल फोर्ड ने बहुत मजाक उड़ाया। उन्होंने रतन टाटा को बदनाम करते हुए कहा कि वह कार बनाने के बारे में कुछ भी नहीं जानता था, तो फिर कार बनाया क्यों? उन्होंने टाटा को बदनाम किया और कहा कि अगर वह टाटा के उस कारोबार को खरीदते हैं तो यह उनके लिए बहुत अच्छी बात होगी। रतन टाटा चुपचाप इस घृणा को पीकर रह गए और बिना कुछ कहे भारत लौट आए।

रतन टाटा से जुड़ीं कुछ खास बातें…

  1. रतन टाटा के लिए काम का मतबल पूजा करना है. उनका कहना है कि काम तभी बेहतर होगा, जब आप उसकी इज्जत करेंगे.
  2. टाटा चेयरमैन की सबसे बड़ी खासियत है उनका हमेशा शांत और सौम्य रहना. वे अपने साथ कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारी से भी प्यार से मिलते हैं, उनकी जरूरतों को समझते हैं और उनकी हर संभव मदद करते हैं.
  3. दिग्गज अरबपति रतन टाटा कहते हैं कि आपको किसी काम में सफलता पाना है, तो उस काम की शुरुआत भले ही आप अकेले करें, लेकिन उसे बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए लोगों का साथ जरूरी है. साथ मिलकर ही दूर तक चल सकते हैं.
  4. रतन टाटा को जानवरों खासतौर पर स्ट्रे डॉग्स से खासा लगाव है. वे कई गैर सरकारी संगठनों और Animal Shelters को दान भी करते रहते हैं.
  5. रतन टाटा आर्थिक तंगी से जूझने वाले छात्रों को भी मदद देने में आगे हैं. उनका ट्रस्ट ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देता है. ऐसे छात्रों को J.N. Tata Endowment, Sir Ratan Tata Scholarship और Tata Scholarship के जरिए मदद दी जाती है.