UPI Payment Rules: UPI पेमेंट का बदल गया ये नियम 2000 से अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन लगेगा

वहीं भारत में लगाकर UPI के यूर्जस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐससे में यूपीआई सर्वर पर दबाव भी काफी बढ़ गया है, जिससे कई बार ट्रांजैक्शन फेल होने या सिस्टम स्लो होने जैसी समस्याएं आती हैं। इन्हीं समस्याओं से निपटने और आपके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानि NPCI ने 1 अगस्त, 2025 से 6 नए नियम लागू किए हैं, जिन्हें हर UPI यूजर को जानना बेहद जरूरी है। चलिए जानते है इस नियमों के बारे में
1. बैलेंस चेक करने पर लगी लगाम
कई लोगों को बार-बार अपना बैंक बैलेंस चेक करने की आदत होती है। लेकिन अब इस पर लगाम लगेगी। नए नियम के अनुसार, एक यूजर अपने एक बैंक अकाउंट का बैलेंस दिन में केवल 50 बार ही चेक कर सकेगा। यह नियम सर्वर पर पड़ने वाले गैर-जरूरी लोड को कम करने के लिए बनाया गया है।
2. ऑटो-पेमेंट (Auto-Debit) का समय हुआ तय
अगर आपने किसी EMI, बिल या सब्सक्रिप्शन के लिए ऑटो-डेबिट सेट कर रखा है, तो अब यह पेमेंट केवल एक निर्धारित समय सीमा के भीतर ही प्रोसेस होगा। यह समय सुबह 10 बजे से लेकर रात 9 बजे के बीच हो सकता है। यह व्यवस्था सिस्टम पर लोड को संतुलित रखने और पीक आवर्स में ट्रांजैक्शन फेल होने से बचाने के लिए की गई है।
3. ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने का नया नियम
यदि आपका कोई यूपीआई लेन-देन फेल हो जाता है, तो अब आप उसकी स्थिति केवल 3 दिनों तक ही चेक कर पाएंगे। इसके अलावा, दो स्टेटस चेक के बीच में कम से-कम 90 सेकंड का अंतराल रखना होगा। यह नियम बार-बार स्टेटस चेक करने से सिस्टम पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए है।
4. QR कोड और सामान्य लेन-देन पर कोई असर नहीं
राहत की बात यह है कि QR कोड स्कैन करके किए जाने वाले भुगतान या सीधे किसी को पैसे भेजने जैसे सामान्य लेन-देन पर कोई नया प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। यह प्रक्रिया पहले की तरह ही सरल और तेज बनी रहेगी, ताकि छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को कोई परेशानी न हो।
5. दैनिक ट्रांजैक्शन लिमिट में कोई बदलाव नहीं
नए नियमों में दैनिक लेन-देन की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक सामान्य यूजर पहले की तरह ही एक दिन में ₹1 लाख तक का ट्रांजैक्शन कर सकता है। वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए यह सीमा ₹5 लाख तक है।
6. सभी UPI ऐप्स पर समान रूप से लागू
यह सभी नियम Google Pay, PhonePe, Paytm और अन्य सभी यूपीआई ऐप्स पर समान रूप से लागू होंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी यूजर्स को एक जैसा और सुरक्षित अनुभव मिले, चाहे वे किसी भी ऐप का इस्तेमाल करें। पिछले कुछ सालों में UPI पर ट्रैफिक इतना बढ़ गया है कि कई बार सिस्टम ठप होने की खबरें आई हैं, जिससे लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। NPCI के ये नए नियम इसी समस्या का समाधान हैं, ताकि UPI को भविष्य के लिए और भी मजबूत और भरोसेमंद बनाया जा सके।
Disclaimer: यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से ली गई है। किसी भी आधिकारिक पुष्टि के लिए कृपया NPCI या अपने बैंक की वेबसाइट देखें।