RBI Big Decision: RBI ने अभी-अभी किया बड़ा ऐलान, RTGS और NEFT लेनदेन होंगे और अधिक सुरक्षित

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

RBI Big Decision: भारत में डिजिटल इंडिया (Digital India) की पहल के तहत ऑनलाइन लेनदेन (online transactions) में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन इसके साथ ही साइबर धोखाधड़ी (cyber fraud) के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस चुनौती का समाधान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में RBI ने डिजिटल लेनदेन के बढ़ते खतरे और साइबर धोखाधड़ी के मामलों पर गंभीर चिंता जताई है। रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि जितना ऑनलाइन भुगतान (online payments) के मामले बढ़ रहे हैं, उतना ही धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।

RBI की नई रणनीति: साइबर फ्रॉड पर कड़ी कार्रवाई

RBI ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि डिजिटल लेनदेन (digital transactions) के बढ़ते जोखिम के कारण साइबर सुरक्षा (cyber security) को मजबूत करना जरूरी है। RBI ने फर्जी खातों (fake accounts) की पहचान करने और उन्हें बंद करने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है। म्यूल अकाउंट्स (mule accounts) वे खाते होते हैं, जो धोखाधड़ी (fraud) की योजनाओं के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। RBI ने बैंकों (banks) और अन्य वित्तीय संस्थानों (financial institutions) को इन खातों पर निगरानी बढ़ाने और उन्हें तुरंत बंद करने के लिए निर्देश दिए हैं।

बैंक फ्रॉड के आंकड़े चिंताजनक: बढ़ी संख्या और वित्तीय नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में बैंक धोखाधड़ी (bank fraud) के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में जहां 13,530 बैंक धोखाधड़ी (bank fraud) के मामले सामने आए थे, वहीं इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 18,461 हो गई है। इसके साथ ही, वित्तीय नुकसान (financial loss) में भी आठ गुना बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष जहां यह नुकसान 2,623 करोड़ रुपये (2,623 crore rupees) था, वहीं अब यह आंकड़ा 21,367 करोड़ रुपये (21,367 crore rupees) तक पहुँच गया है। यह आंकड़े किसी भी बैंकिंग प्रणाली के लिए बेहद चिंताजनक हैं।

RTGS और NEFT को सुरक्षित बनाने की दिशा में RBI का कदम

RTGS (Real-Time Gross Settlement) और NEFT (National Electronic Fund Transfer) डिजिटल लेनदेन के दो प्रमुख माध्यम हैं, जिनका रोजाना लाखों लोग उपयोग करते हैं। RBI ने इन दोनों लेनदेन प्रक्रियाओं को और अधिक सुरक्षित बनाने (secure) की योजना बनाई है। बैंकों (banks) को इन माध्यमों में सुरक्षा (security) मानकों को उन्नत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि साइबर धोखाधड़ी (cyber fraud) की घटनाओं को रोका जा सके और ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा (money security) सुनिश्चित हो सके।

सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल की आवश्यकता

RBI ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्राहकों (customers) की सुरक्षा और विश्वास (trust) सबसे महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैंकों (banks) और वित्तीय संस्थानों (financial institutions) को ग्राहकों के डेटा (data) और धन (funds) की सुरक्षा के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल (security protocols) अपनाने चाहिए। इसके अलावा, ग्राहकों को भी ऑनलाइन लेनदेन (online transactions) के दौरान सतर्क रहने और धोखाधड़ी से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।

सतर्कता और निगरानी बढ़ाने की सलाह

RBI ने बैंकों (banks) को धोखाधड़ी की पहचान (fraud detection) और रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने (increased monitoring) का निर्देश दिया है। साथ ही, वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता (transparency) और सुरक्षा (security) बढ़ाने के लिए नई तकनीकों (new technologies) के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। RBI ने साइबर सुरक्षा (cyber security) को और मजबूत करने के लिए विशेषज्ञ समितियों (expert committees) का गठन किया है, जो नई चुनौतियों का समाधान (solution) करेंगी और बैंकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कदम उठाएंगी।

ग्राहकों के लिए सावधानियाँ

RBI ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे ऑनलाइन लेनदेन (online transactions) के दौरान हमेशा सतर्क रहें और अनजान लिंक (unknown links) या ईमेल पर क्लिक न करें। इसके अलावा, अपने बैंक खाते (bank account) की जानकारी किसी के साथ साझा न करें और यदि किसी लेनदेन में गड़बड़ी (discrepancy) हो, तो तुरंत अपने बैंक (bank) से संपर्क करें।

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