Reliance Industries: अंबानी का ग्रीन एनर्जी में अब तक का सबसे बड़ा दांव! कच्छ में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट

कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क
रिलायंस ने गुजरात के कच्छ जिले में अपने विशाल सोलर एनर्जी प्लांट के लिए जमीन के डेवलपमेंट का काम शुरू कर दिया है। इस प्लांट से कंपनी सालाना 150 अरब यूनिट बिजली बनाने की योजना बना रही है, जो कई छोटे देशों की कुल बिजली खपत से भी ज्यादा है। इसके अलावा, कंपनी कांडला में 2 हजार एकड़ में एक ग्रीन केमिकल प्लांट भी स्थापित कर रही है, जो पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर चलेगा।
Jio बनेगा 100% ग्रीन, बाकी दुनिया से कहीं आगे
रिलायंस की टेलीकॉम कंपनी, जियो (Jio), इस ग्रीन क्रांति में सबसे आगे रहने वाली है। कंपनी ने ऐलान किया है कि 2030 तक जियो का पूरा नेटवर्क 100% ग्रीन एनर्जी पर काम करेगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए कंपनी ने पहले ही देशभर में 23,000 से ज्यादा जगहों पर सोलर पैनल लगा दिए हैं, जिनसे 212 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। ग्लोबल स्टैंडर्ड पर भी जियो एनर्जी की खपत के मामले में दुनिया की दूसरी कंपनियों से कहीं बेहतर है। जीएसएमए की रिपोर्ट के मुताबिक, जियो की प्रति जीबी ट्रैफिक पर एनर्जी की खपत ग्लोबल औसत का सिर्फ 30% है।
एक साथ कई मोर्चों पर काम
रिलायंस सिर्फ सोलर एनर्जी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एक पूरा ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम तैयार कर रही है:
- गीगा फैक्ट्री: जामनगर में कंपनी की सोलर पीवी गीगा फैक्ट्री चालू हो गई है और इस साल इसकी क्षमता 10 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
- बैटरी स्टोरेज: 30 गीगावाट-घंटे की बैटरी निर्माण सुविधा भी 2025-26 तक शुरू हो जाएगी।
- कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG): कंपनी 7 सीबीजी प्लांट चला रही है और 55 और प्लांट बनाने की राह पर है।
- ग्रीन हाइड्रोजन: ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए कंपनी एक मल्टी-गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर सुविधा भी स्थापित कर रही है।
मुकेश अंबानी का यह कदम भारत को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई में एक लीडर के तौर पर स्थापित करेगा और यह दिखाएगा कि कैसे एक बड़ी कंपनी मुनाफा कमाने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी कर सकती है।