Indian Economy Growth Rate || 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा भारत, 2047 तक मिल जाएगा विकसित देश का दर्जा
न्यूज हाइलाइट्स
Indian Economy Growth Rate || बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत वर्ष 2027 से 28 तक पांच लाख करोड़ डॉलर से अधिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा और वर्ष 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ एक विकसित देश बन जाएगा। वर्तमान में भारत का सकल घरेलू उत्पाद लगभग 3.4 लाख करोड़ डॉलर है, जो इसे दुनिया में पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है। अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी अभी भी इससे आगे हैं। सीतारमण ने यहां ‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी के 100 साल 2047 में पूरा होने तक नए और तेजी से बढ़ते उद्योगों पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, वित्त मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार की FDI नीति ने पिछले नौ वर्षों में 595 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया है।
2027–2028 तक देश तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा
उनका कहना था, “वित्त वर्ष 2027-28 तक हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे और हमारी जीडीपी उस समय तक पांच लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगी।” मोटे अनुमान के अनुसार, हमारी अर्थव्यवस्था वर्ष 2047 तक कम-से-कम 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।”
कोरोना वायरस की महामारी का सामना किया
भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी। सीतारमण ने कहा कि महामारी के बाद भारतीयों ने सफलतापूर्वक चुनौतियों का सामना किया है और अर्थव्यवस्था अब मजबूती पर है। उनका कहना था कि गुजरात भारत की 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में वृद्धि का प्रतीक होगा। गुजरात भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.5% का योगदान देता है, हालांकि यह भारत की आबादी का सिर्फ 5% हिस्सा है।
देश का विकास दर क्या है?
उनका कहना था कि 2011 से 2021 के बीच देश की औसत वृद्धि दर 10.4 प्रतिशत रही है, जबकि गुजरात में इसकी दर कहीं अधिक 12 प्रतिशत रही है। सीतारमण ने कहा कि भारत घरेलू सेमीकंडक्टर उत्पादक बनने की राह पर है और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का बड़ा अपनाया जा रहा है। ये सब सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के परिणाम हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने अप्रैल, 2000 से मार्च, 2023 तक 23 वर्षों में 919 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया है, जिसका 65 प्रतिशत यानी 595 अरब डॉलर पिछले आठ-नौ वर्षों में आया है। Finance Minister ने कहा, “एफडीआई आ रहा है। एफडीआई का प्रवाह जहां नीतियों से अधिक निश्चितता, सहूलियत और कारोबारी सुगमता मिलती है, वहां होता है। वास्तव में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की उच्च ब्याज दर और अन्य बाधाओं से इसकी दिशा बदल सकती है। इसके बावजूद हम अधिक एफडीआई प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 50 करोड़ लोगों के पास बैंक खाता है, जबकि 2014 में सिर्फ 15 करोड़ लोगों के पास थे, जो वित्तीय समावेशन का उदाहरण था।