New Banking Rules: इस बैंक के ग्राहकों को बड़ा झटका! सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 5 गुना बढ़ा, जानें नए नियम

अब रखना होगा ₹50,000 का मिनिमम बैलेंस
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ICICI बैंक ने नॉन-सैलरी अकाउंट्स के लिए मिनिमम अमाउंट बढ़ाने पर राय दी है। उनका कहना है कि ये किसी भी नियामक क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आता है। हाल ही में बैंक ने 1 अगस्त या उसके बाद खोले गए नए बचत खातों के लिए मिनिमम बैलेंस दायरा ₹10,000 था, लेकिन इसे बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में आमतौर पर कम बैलेंस रखने की अनिवार्यता होती है और अक्सर जन-धन खातों के लिए इसे माफ कर दिया जाता है। कई बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता को पूरी तरह से हटा दिया है और इसे न रखने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता।
सामाजिक संगठनों ने जताई चिंता
बैंकिंग हितधारकों के हितों की वकालत करने वाले एक नागरिक समाज संगठन ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर ICICI बैंक के नए बचत खाते के लिए न्यूनतम औसत शेष, एमएबी की जरूरत बढ़ाने के निर्णय में हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया है। संगठन ने कहा है कि ऐसा कदम सरकार के समावेशी बैंकिंग और विकास के दृष्टिकोण के लिए हानिकारक है। वित्त सचिव को लिखे पत्र में बैंक बचाओ, देश बचाओ मंच ने बैंक के निर्णय को अन्यायपूर्ण करार दिया। फोरम के संयुक्त संयोजक ने कहा है कि यह फैसला सही नहीं है, यह प्रगतिगामी निर्णय समावेशी बैंकिंग के सिद्धांत को कमजोर करता है। नागरिक समाज संगठन ने इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की और सरकार से जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने और व्यापक वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने की अपील की है।