LPG Gas Cylinder: महंगाई से जूझ रही जनता को केंद्र सरकार की ओर से एक और बड़ा झटका लगा है। जीएसटी काउंसिल ने अपनी हालिया बैठक में कई सेवाओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाने का फैसला किया है, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है। सबसे बड़ा बदलाव तेल और गैस की खोज एवं उत्पादन से जुड़ी सेवाओं पर किया गया है, जहां जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 18 प्रतिशत कर दिया गया है। अप्रैल 2025 से तेल और गैस की कीमतें वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और ओपेक प्लस देशों द्वारा उत्पादन में कटौती की वजह से कम हो गई हैं, जिससे कंपनियों के मार्जिन में कमी आई है। मार्जिन में कमी के बाद उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी उद्योग के लिए एक डबल झटका साबित होगी।
विमान यात्रियों को प्रीमियम, बिजनेस और फर्स्ट क्लास टिकट के लिए थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च करना होगा, क्योंकि इन श्रेणियों में उच्च जीएसटी दरें लागू होंगी। गैर-इकोनॉमी श्रेणी के टिकटों पर जीएसटी की दर वर्तमान 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। इनपुट टैक्स क्रेडिट समेत यह दर 22 सितंबर से प्रभावी होगी। सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर यात्रा इकोनॉमी क्लास से की जाती है तो जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी, अन्यथा जीएसटी की दर 18 प्रतिशत होगी। इकोनॉमी क्लास के टिकट पर 5 प्रतिशत जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बढ़ते हवाई यातायात और बेहतर उड़ान की चाहत रखने वाले यात्रियों के बीच एयरलाइन ने भी अपनी प्रीमियम सेवाओं का विस्तार करने पर विचार किया जा रहा है। हाल के वर्षों में प्रीमियम इकोनॉमी क्लास सीटों की मांग भी अच्छी खासी रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रीमियम हवाई टिकट पर अधिक जीएसटी लगने से ज्यादा यात्री इकोनॉमी क्लास में यात्रा करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।
ट्रैवल फर्म कॉक्स एंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा है कि प्रीमियम हवाई किराए पर उच्च जीएसटी से इकोनॉमी क्लास की कुछ मांग बढ़ सकती है, लेकिन इससे ऑपरेटर के लिए मूल्य आधारित प्रीमियम पेशकशों पर पुनर्विचार करने की गुंजाइश बनी रहती है। यानी कि साफ है कि सरकार के फैसले पर लोगों पर बोझ बढ़ना तय है, यहां तक कि एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में भी इजाफा हो सकता है।