7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले! मोदी सरकार ने दोगुना किया ट्रांसपोर्ट अलाउंस, जानिए किसे और कैसे मिलेगा फायदा

क्यों लिया गया यह महत्वपूर्ण फैसला?
यह फैसला इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि दिव्यांग कर्मचारियों को अक्सर अपने ऑफिस आने-जाने में कई तरह की शारीरिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सार्वजनिक परिवहन का हर जगह उपलब्ध न होना, व्हीलचेयर-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और यात्रा के लिए महंगे सहायक उपकरणों की आवश्यकता उनकी मुश्किलें और भी बढ़ा देती हैं। दोगुना परिवहन भत्ता मिलने से न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार बेहतर और सुगम साधन चुनने में भी मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे उनके कार्य प्रदर्शन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वे और भी बेहतर तरीके से देश की सेवा में अपना योगदान दे पाएंगे।
किसे-किसे मिलेगा इस नई सुविधा का लाभ? देखें पूरी लिस्ट
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई और विस्तृत सूची में दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत आने वाली लगभग सभी प्रमुख विकलांगताओं को शामिल कर लिया गया है। अगर कोई कर्मचारी इन श्रेणियों में आता है और अन्य पात्रता शर्तें पूरी करता है, तो वह इस बढ़ी हुई सुविधा का हकदार होगा। नई लिस्ट में शामिल कुछ प्रमुख श्रेणियां इस प्रकार हैं:
- गतिशीलता विकलांगता (Locomotor Disability): इसमें कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोग, सेरेब्रल पाल्सी, बौनापन (Dwarfism), एसिड अटैक पीड़ित (Acid Attack Victims) और रीढ़ की हड्डी में चोट से ग्रसित व्यक्ति शामिल हैं।
- दृष्टि और श्रवण बाधित: पूरी तरह से दृष्टिहीन (Blind), कम दृष्टि वाले (Low Vision) और सुनने में कठिनाई (Hearing Impaired) वाले कर्मचारी।
- बौद्धिक और मानसिक विकलांगता: ऑटिज्म (Autism), लर्निंग डिसऑर्डर और अन्य मानसिक रोगों से पीड़ित कर्मचारी।
- क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल बीमारियां: मल्टीपल स्केलेरोसिस और पार्किंसन जैसी लंबी चलने वाली न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे कर्मचारी।
- रक्त संबंधी विकलांगता: हीमोफीलिया, थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग से ग्रसित कर्मचारी।
- मल्टीपल डिसेबिलिटी (Multiple Disabilities): ऐसे लोग जो दो या दो से अधिक प्रकार की अक्षमताओं से एक साथ जूझ रहे हैं, जैसे बधिरता और अंधापन दोनों का होना।
सरकार का यह कदम दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में बराबरी का दर्जा देने और उनके सामाजिक व व्यावसायिक जीवन को और अधिक सहज बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।