8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स को सैलरी में मिलने वाली है मेगा हाइक! जानें अकाउंट में कब से बढ़कर आएगा पैसा?

8th Pay Commission की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, और इसके साथ ही लाखों परिवारों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। सरकार ने नवंबर 2025 की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया है और इसके Terms of Reference (ToR) को भी मंजूरी दे दी है।

8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग के लागू होते ही केंद्र और राज्य सरकारों पर बड़ा वित्तीय बोझ आने की आशंका जताई जा रही है। आयोग का गठन हो चुका है और इसके टर्म ऑफ रेफरेंस को मंजूरी मिल गई। अब कर्मचारी और पेंशनर्स इसके लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रक्रिया के अनुसार रिपोर्ट तैयार होगी, फिर मंत्रियों का समूह उसकी समीक्षा करेगा और उसके बाद यह सिफारिशें केंद्र सरकार के पास अंतिम निर्णय के लिए भेजी जाएंगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पूरा प्रोसेस 2 से 3 साल तक चल सकता है। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और इकोनॉमिस्ट नीलकंठ मिश्रा ने चेतावनी दी है कि आठवें वेतन आयोग को लागू करते ही देश के पब्लिक फाइनेंस पर भारी दबाव पड़ेगा। उनका कहना है कि आने वाले सालों के बजट में इस बोझ का बहुत सतर्कता से आकलन करना होगा।

नीलकंठ मिश्रा के अनुमान के मुताबिक, आयोग की सिफारिशें लागू होने पर वेतन और पेंशन का कुल भुगतान 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकता है। अगर इसमें पांच तिमाहियों के बकाया को भी जोड़ दिया जाए तो कुल राशि करीब 9 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। सीआईआई इंडिया 2025 समिट में उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ राजकोषीय दबाव काफी बढ़ जाएगा। ऐसे में सरकार को डेप्ट टू जीडीपी नियमों को ध्यान में रखते हुए बेहद सावधानी के साथ इसे लागू करना होगा। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब भारत वित्त वर्ष 2027 से डेप्ट जीडीपी ट्रेजरी फ्रेमवर्क में बदलाव की तैयारी कर रहा है। मिश्रा का कहना है कि अभी देश की अर्थव्यवस्था में कम महंगाई दर के कारण अतिरिक्त क्षमता मौजूद है, लेकिन आठवें वेतन आयोग का भारी खर्च सरकार के ट्रेजरी टाइटनिंग की गुंजाइश को सीमित कर सकता है।

टीओआर जारी होने के बाद यूनियंस ने शिकायत की थी कि उसमें पेंशन संशोधन का साफ जिक्र नहीं है। इससे यह चिंता बढ़ गई थी कि कहीं पेंशन को आयोग के दायरे से बाहर तो नहीं कर दिया गया। 69 लाख से ज्यादा पेंशनर्स पेंशन संशोधन पर निर्भर हैं, इसलिए यह बड़ा मुद्दा बन गया था। अब सरकार ने राज्यसभा में स्थिति स्पष्ट कर दी है। फाइनेंस राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि आठवां वेतन आयोग सैलरी, भत्ते और पेंशन तीनों पर सिफारिशें करेगा। यानी कि पेंशन संशोधन आयोग के दायरे में ही रहेगा। वित्त मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि महंगाई भत्ता यानी कि डीए या महंगाई राहत यानी कि डीआर को मूल वेतन में मिलाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे नवंबर से जारी भ्रम अब दूर होने की भी उम्मीद है। यानी कि आठवें वेतन आयोग पर अब सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। लेकिन एक्सपर्ट्स ने भी सरकार को चेता दिया है कि अगर आठवां वेतन आयोग लागू होता है तो सरकार पर इसका काफी बोझ पड़ेगा। तो अब ऐसे में देखना होगा कि इसका असर क्या होता है।