8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को मिला बड़ा झटका, कभी नहीं बनेगा आठवां वेतन आयोग?

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

8th Pay Commission:   सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के वेतन बढ़ोतरी को लेकर चर्चाएं तेज हैं। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। बता दें कि 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) वर्ष 2016 में लागू किया गया था। इसके बाद केंद्रीय कर्मियों का न्यूनतम वेतन (Minimum Salary) 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया था, जबकि शीर्ष अधिकारियों की अधिकतम सैलरी (Maximum Salary) 2.5 लाख रुपये तक पहुंच गई थी।

वेतन आयोग (Pay Commission) एक ऐसा निकाय है, जिसे सरकार द्वारा गठित किया जाता है। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना (Salary Structure) की समीक्षा करना और इसे अद्यतन करना है। अब तक भारत में 7 वेतन आयोग (7 Pay Commissions) लागू हो चुके हैं, जिनकी औसत अवधि लगभग 10 साल की होती है।

क्या होगा 8वां वेतन आयोग?

सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। परंपरा के अनुसार, हर 10 साल बाद वेतन आयोग का गठन होता है। यदि यह ट्रेंड (Trend) जारी रहता है, तो 8वें वेतन आयोग की घोषणा जल्द हो सकती है और 2026 तक इसे लागू किया जा सकता है। हालांकि, कई बड़े अधिकारी (Senior Officials) संकेत दे रहे हैं कि इस बार सरकार वेतन बढ़ाने के लिए परफॉर्मेंस-बेस्ड सिस्टम (Performance-Based System) लागू कर सकती है।

क्या नया सिस्टम वेतन आयोग की जगह लेगा?

हाल ही में वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने संसद में स्पष्ट किया था कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की कोई योजना नहीं है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार वेतन वृद्धि के लिए महंगाई दर (Inflation Rate) या परफॉर्मेंस-आधारित प्रणाली (Performance-Based System) को अपनाने पर विचार कर सकती है। इससे कर्मचारियों को रेगुलर सैलरी एडजस्टमेंट (Regular Salary Adjustment) का लाभ मिलेगा और 10 साल का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

8वें वेतन आयोग की संभावित सिफारिशें
  1. न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary): यूनियनें वेतन को 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000-30,000 रुपये (26,000-30,000 INR) प्रति माह करने की मांग कर रही हैं।
  2. फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor): मौजूदा फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जिसे बढ़ाकर 3.5 या 3.8 किया जा सकता है।
  3. महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA): डीए को मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रति अधिक रिस्पॉन्सिव (Responsive) बनाया जा सकता है।
  4. पेंशन संशोधन (Pension Revision): पुराने पेंशनर्स, विशेषकर 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) से पहले के पेंशनभोगियों को लाभ मिल सकता है।
  5. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवल अलाउंस (TA): इन भत्तों को वर्तमान लिविंग कॉस्ट (Living Cost) के अनुसार अपडेट किया जा सकता है।
सरकारी खर्च और अर्थव्यवस्था पर असर

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के लागू होने से सरकारी खर्च में 1 लाख करोड़ रुपये (1 Lakh Crore INR) की वार्षिक वृद्धि हुई थी। 8वें वेतन आयोग का भी ऐसा ही असर हो सकता है। हालांकि, इससे कंज्यूमर स्पेंडिंग (Consumer Spending) बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था (Economy) को फायदा होगा। फिलहाल, 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लाखों सरकारी कर्मचारी (Government Employees) और पेंशनर्स (Pensioners) बेसब्री से इस निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।

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