7th Pay Commission || सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! महंगाई भत्ते में होगा 4 फीसदी का इजाफा, 2 दिन बाद कन्फर्म
7th Pay Commission || देश भर में केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) के लिए अच्छी खबर है। महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत का इजाफा होगा। 31 जनवरी को यह पक्का हो जाएगा।
7th Pay Commission || देश भर में केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) के लिए अच्छी खबर है। महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत का इजाफा होगा। 31 जनवरी को यह पक्का हो जाएगा। महंगाई भत्ता पचास प्रतिशत पहुंच चुका है। 2024 में महंगाई भत्ता पहली बार बढ़ेगा। सरकारी घोषणा को मार्च तक इंतजार करना होगा। महंगाई के आंकड़े आने के बाद पता चलेगा कि भत्ते में कितना इजाफा होना चाहिए, लेकिन वर्तमान आंकड़ों से स्पष्ट है कि भत्ते में चार प्रतिशत का इजाफा होगा, जो पचास प्रतिशत पहुंच जाएगा।
केंद्रीय सरकार (central government) आमतौर पर दो महीने के गैप के बाद महंगाई भत्ते में इजाफे की अनुमति देती है। एआईसीपीआई इंडेक्स के आंकड़े केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का आंकड़ा बनाते हैं। यह छमाही आधार पर साल में दो बार देखा जाता है। पहला जनवरी से जून तक और दूसरा जुलाई से दिसंबर तक चलता है। जनवरी से जून के बीच आंकड़े बताते हैं कि जुलाई से महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा।
वहीं, जुलाई से दिसंबर के आंकड़े जनवरी में महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा बताते हैं। अभी तक नवंबर के एआईसीपीआई इंडेक्स के आंकड़े नहीं आए हैं। इंडेक्स 0.7 प्वाइंट बढ़ा और 139.1 पर रहा है। डीए कैलकुलेटर के अनुसार, इंडेक्स के आधार पर महंगाई भत्ता 49.68% पहुंच गया है। यह पचास प्रतिशत माना जाएगा क्योंकि दशमलव के बाद वाला अंक 0.50 से अधिक है। ऐसे में चार प्रतिशत का इजाफा दिखाई देता है।
केंद्र सरकार (central government) आमतौर पर साल में दो बार जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते में संशोधन करती है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भत्ता 46% है, जो पहले 42% था। अब 4 या 5 फीसदी की और बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस बढ़ोतरी से करीब 48.67 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। दरअसल, कोरोना वायरस के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) का महंगाई भत्ता बंद कर दिया गया था। केंद्र सरकार (central government) ने जनवरी 2020 से जून तक 18 महीने का भत्ता नहीं दिया था ।वहीं, जब सब कुछ सामान्य हो गया, तब भी सरकार की ओर से इन बकाए को चुकाने के लिए कोई ठोस संकेत नहीं मिला।